
लोक कलाओं को संरक्षित करने के लिए गुरु चेला परंपरा की शुरुआत
एसएएस नगर, 5 अक्टूबर - यूनिवर्सल आर्ट एंड कल्चर वेलफेयर सोसाइटी ने लुप्त होती लोक कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए गुरु चेला परंपरा की शुरुआत की है। इसके तहत यूनिवर्सल आर्ट एंड कल्चर वेलफेयर सोसायटी मोहाली के उपाध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय अलगोजा वादक उस्ताद करमजीत सिंह बग्गा को उनके पांच शिष्यों ने सम्मानित किया। इस मौके पर चित्रकार एवं फिल्म अभिनेता नरेंद्र नीना विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए.
एसएएस नगर, 5 अक्टूबर - यूनिवर्सल आर्ट एंड कल्चर वेलफेयर सोसाइटी ने लुप्त होती लोक कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए गुरु चेला परंपरा की शुरुआत की है। इसके तहत यूनिवर्सल आर्ट एंड कल्चर वेलफेयर सोसायटी मोहाली के उपाध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय अलगोजा वादक उस्ताद करमजीत सिंह बग्गा को उनके पांच शिष्यों ने सम्मानित किया। इस मौके पर चित्रकार एवं फिल्म अभिनेता नरेंद्र नीना विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए.
मोहाली में आयोजित सम्मान समारोह का संचालन प्रख्यात गीतकार सुमी टपरियावाला ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अभिनेत्री सुखबीर पाल कौर ने की। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए गुरु चेला परंपरा से जुड़े युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि ये युवा देश का भविष्य हैं और हमारे समाज के सभ्य मूल्यों को संरक्षित करने की जिम्मेदारी उनकी है.
बागा के पांच प्रशिक्षु कर्मवार मनदीप सिंह, हरदीप सिंह मन्ना, हरकीरत पाल सिंह, शगनप्रीत खुरानी और कार्तिक खुरमी ने पगड़ी और मिठाई देकर प्रशिक्षुता स्वीकार की।
इस मौके पर इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह, लोक गायक गैरी गिल, गुरप्रीत सिंह खालसा, बग्गा के सहयोगी सौदागर सिंह कोमल असिस्टेंट यूनिट ऑफिसर (रिटायर्ड) और दुनिया की पहली महिला अलगोजा वादक अनुरीत पाल कौर भी मौजूद रहीं।
