
भारत बंद के आह्वान को जालंधर में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली
जालंधर - दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा हाशिए पर मौजूद समुदायों के मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार यानी 21 अगस्त को भारत बंद के आह्वान को जालंधर में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। जालंधर छावनी के कुछ हिस्सों, धान मोहल्ला, पुली अली मोहल्ले को छोड़कर बाकी सभी बाजार लगभग सामान्य दिनों की तरह खुले रहे। बेशक बाज़ार में उत्साह कम था
जालंधर - दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा हाशिए पर मौजूद समुदायों के मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार यानी 21 अगस्त को भारत बंद के आह्वान को जालंधर में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। जालंधर छावनी के कुछ हिस्सों, धान मोहल्ला, पुली अली मोहल्ले को छोड़कर बाकी सभी बाजार लगभग सामान्य दिनों की तरह खुले रहे। बेशक बाज़ार में उत्साह कम था
जालंधर से सटे नकोदर, जंडियाला-मांजकी, जमशेर, नूरमहल में भी बाजार सामान्य रहे। सड़कों पर यातायात सामान्य से कम रहा बंद के आह्वान को देखते हुए स्कूलों में छात्रों की संख्या कम हो गयी, छात्रों की संख्या 15-20 फीसदी के आसपास रह गयी. कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है और न ही कहीं कोई विरोध प्रदर्शन देखने को मिला प्रशासन ने शहर में किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शहर के कुछ प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया था
आरक्षण के भीतर आरक्षण (कोटा के भीतर कोटा) को मान्यता देने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में आरक्षण रक्षा संघर्ष समिति द्वारा 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया था। भारत के कई राज्यों में बंद बुलाया गया समिति ने कहा है कि बंद का मकसद सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले का विरोध करना है ताकि कोर्ट इस फैसले को वापस ले.
