
ट्रक चालकों की पीड़ा सुनें सरकार
गढ़शंकर, 10 जून - वैसे तो पंजाब में ट्रक ऑपरेटरों की हालत पहले से ही बहुत पतली है। लेकिन पिछले कुछ समय से ट्रक ऑपरेटरों पर पड़े अतिरिक्त आर्थिक बोझ ने उनकी कमर तोड़ दी है.
गढ़शंकर, 10 जून - वैसे तो पंजाब में ट्रक ऑपरेटरों की हालत पहले से ही बहुत पतली है। लेकिन पिछले कुछ समय से ट्रक ऑपरेटरों पर पड़े अतिरिक्त आर्थिक बोझ ने उनकी कमर तोड़ दी है.
ट्रक ऑपरेटरों की यूनियनें यूनियन बनकर रह गई हैं दरअसल, इन यूनियनों में जो सदस्य हैं वे गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं.
पंजाब के कई ट्रक ऑपरेटरों से बातचीत से यह बात सामने आई है कि ट्रक ऑपरेटरों को अपने वाहनों के दस्तावेजों को पूरी तरह से अपडेट रखना बहुत मुश्किल हो रहा है। क्योंकि सरकारी फीस इतनी ज़्यादा है कि अगर कोई ऑपरेटर इसे पूरा करना शुरू कर दे तो उसके हाथ कुछ भी नहीं लगता.
उदाहरण के लिए, ट्रक ऑपरेटर के लिए 15 साल पुराने वाहन की पासिंग, वार्षिक बीमा और त्रैमासिक रोड टैक्स के अलावा रूटीन में ट्रक चलाने का खर्च वहन करना मुश्किल हो गया है।
इन्हीं कारणों से कई ट्रक ऑपरेटरों ने अपना कारोबार छोड़ दिया है और अगर उन कुछ लोगों की बात सुनी जाए जो अभी भी इस पेशे से जुड़े हुए हैं तो पता चलता है कि सरकारों ने आज तक कभी भी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की सुध नहीं ली है.
गढ़शंकर ट्रक यूनियन से अध्यक्ष नरिंदर सिंह मान, सदस्य मलकीत सिंह, पवन कुमार ओंकार सिंह जगदीश सिंह गुरदर्शन सिंह पाल खेपर और अन्य ने बातचीत के दौरान कहा कि इस उम्र में वे कोई नया व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते। इसलिए सरकार से अपील है कि ट्रकों के पासिंग इंश्योरेंस और रोड टैक्स की दरें कम करके ट्रक ऑपरेटरों को रियायतें दी जाएं और जिन ऑपरेटरों का टैक्स टूट गया है उन्हें पिछले सभी टैक्सों से छूट दी जाए.
