
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत 8 स्कूल बसों की चेकिंग
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशों पर सुरक्षित स्कूल वाहन योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए चेकिंग अभियान के दौरान क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी होशियारपुर इंजी रविंदर सिंह गिल और सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संदीप भारती ने अपनी टीम के साथ स्कूलों का दौरा किया सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत बच्चों को ले जाने वालों की जांच की गई।
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशों पर सुरक्षित स्कूल वाहन योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए चेकिंग अभियान के दौरान क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी होशियारपुर इंजी रविंदर सिंह गिल और सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संदीप भारती ने अपनी टीम के साथ स्कूलों का दौरा किया सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत बच्चों को ले जाने वालों की जांच की गई।
इस चेकिंग अभियान के दौरान अलग-अलग जगहों पर करीब 8 स्कूल बसों की जांच की गई. इस दौरान मोटर वाहन अधिनियम के तहत 23 चालान काटे गए और सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत शर्तें पूरी न करने वाली स्कूल बसों के 6 स्कूल वाहन जब्त किए गए। इस दौरान स्कूलों के परिवहन प्रभारियों और बस चालकों को पंजाब सरकार के निर्देशों के बारे में जानकारी दी गई। बसों में ड्यूटी पर तैनात बस चालकों और सहायकों को वर्दी पहनने और यातायात नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई। साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी प्रकार का नशा करके स्कूल बस न चलाएं।
चेकिंग अभियान के दौरान स्कूल प्रधानाचार्यों के संज्ञान में यह बात भी लाई गई कि सुरक्षित स्कूल वाहन योजना के तहत बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए स्कूल अधिकारी और प्रधानाचार्य जिम्मेदार हैं। चाहे वह माता-पिता द्वारा किराए पर लिया गया वाहन हो या स्कूल द्वारा किसी निजी ट्रांसपोर्टर से किराए/अनुबंध पर लिया गया हो या स्कूल के पास अपनी बस हो। ऐसे में होशियारपुर जिले के सभी स्कूल प्रिंसिपलों और प्रबंधन कमेटियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूली बच्चों के परिवहन के साधनों की लगातार जांच की जाए और अगर कोई स्कूल बस सुरक्षित स्कूल वाहन योजना का उल्लंघन करती पाई जाए तो उसमें बच्चों को न भेजा जाए। उनके लिए अतिरिक्त बस की व्यवस्था की जाए।
स्कूल बस के परमिट, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच की जानी चाहिए और यदि कोई भी दस्तावेज समाप्त हो गया है तो बच्चों को उस बस में नहीं भेजा जाना चाहिए। स्कूल बस चालक एवं हेल्पर की प्रमाणित आचरण पुलिस रिपोर्ट ली जाए तथा यदि संभव हो तो स्कूल में अल्कोहल मीटर रखा जाए एवं समय-समय पर चालकों का परीक्षण किया जाए। हर साल ड्राइवर का डोप टेस्ट कराना एक सुरक्षित कदम होगा।
इस अभियान के दौरान स्कूली बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की गई कि वे अपने बच्चों के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले साधनों/बसों की समय-समय पर जाँच करें और यदि कोई कमी पाई जाए तो तुरंत जिला प्रशासन के ध्यान में लाएँ लाया गया, ताकि बच्चों का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित किया जा सके। सुरक्षित स्कूल वाहन योजना के तहत स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर चालू हालत में होने चाहिए, कई स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगे होने के बावजूद स्पीड गवर्नर से छेड़छाड़ के कारण उनका चालान किया गया है, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
उपमंडल में जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों से स्कूली बच्चों/छात्रों के सुरक्षित परिवहन के संबंध में 25 अप्रैल 2024 से पहले जिला शिक्षा अधिकारी होशियारपुर (माध्यमिक और प्राथमिक) और जिले के सभी संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट को शपथ पत्र देना होगा। उपायुक्त होशियारपुर के कार्यालय को अंडरटेकिंग सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कहा गया है जिसमें स्कूल प्रिंसिपल यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके स्कूल के छात्रों के परिवहन के लिए उपयोग की जाने वाली स्कूल बसें और वाहन पूरी तरह से सुरक्षित स्कूल वाहन योजना के अनुरूप हैं।
