
खालसा साजना दिवस पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया
एसएएस नगर, 13 अप्रैल - खालसा साजना दिवस का शुभ दिन आज शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। इस संबंध में सुबह श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के बाद विभिन्न गुरुघरों में विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान विभिन्न रागी ढाडी जत्थों व कथावाचकों द्वारा गुरबाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से संगत को निहाल किया गया। गुरु का लंगर खूब बरताया गया।
एसएएस नगर, 13 अप्रैल - खालसा साजना दिवस का शुभ दिन आज शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। इस संबंध में सुबह श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के बाद विभिन्न गुरुघरों में विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान विभिन्न रागी ढाडी जत्थों व कथावाचकों द्वारा गुरबाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से संगत को निहाल किया गया। गुरु का लंगर खूब बरताया गया।
ऐतिहासिक गुरुद्वारा अंब साहिब, गुरुद्वारा सच्चा धन साहिब फेज 3बी1, गुरुद्वारा बीबी भानी फेज 7, गुरुद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा फेज 4, गुरुद्वारा श्री साहिबवाड़ा फेज 5, गुरुद्वारा श्री रामगढि़या सभा फेज 3बी1, गुरुद्वारा श्री सिंह सभा फेज 11, गुरुद्वारा श्री सिंह सभा सेक्टर 68, गुरुद्वारा श्री सिंह सभा फेज 1 सहित विभिन्न गुरुघरों में खालसा साजना दिवस के अवसर पर विशेष सजावट की गई थी और सुबह से ही गुरु घर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां में खालसा साजना दिवस के अवसर पर विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान लुधियाना से बीबी अमनदीप कौर इंटरनेशनल ढाडी जत्था, भाई जतिंदर सिंह हजूरी रागी तख्त श्री केसगढ़ साहिब, शिरोमणि प्रचारक भाई चरणजीत सिंह (श्री आनंदपुर साहिब), भाई मनप्रीत सिंह लुधियाना, बीबी गुरदीप कौर, मीरी पीरी पंथक ढाडी जत्था, भाई जतिंदर सिंह दमदमी टकसाल, भाई संदीप सिंह श्री आनंदपुर साहिब वाले, भाई गुरविंदर सिंह, भाई गुरदीप सिंह, भाई जसविंदर सिंह, गुरुद्वारा सिंह शहीदों के जत्थों के अलावा, रागी जत्था भाई इंद्रजीत सिंह, भाई जसवंत सिंह, भाई गुरमीत सिंह और भाई सुखविंदर सिंह ने पूरे दिन कथा, कीर्तन, कविशरी व गुरमत विचारों के माध्यम से हरिज गायन कर संगत को निहाल किया।
इस दिन विशाल अमृत संचार का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में मनुष्यों ने खंडे बाटे का अमृत पान किया और गुरु बने। प्रत्येक विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जांच की गई और दवा देने के लिए एक सेवा प्रबंधन समिति का गठन किया गया। इस अवसर पर पूरे दिन श्रद्धालुओं को गन्ने के रस की छबील, जलेबियां और गुरु का लंगर परोसा गया।
