पटियाला जिले में वाद्य यंत्रों और पटाखों से ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर रोक

पटियाला, 9 अप्रैल - अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मैडम कंचन ने फौजदारी, जबाता, संघता 1973 (1974 का अधिनियम संख्या 2) की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पटियाला जिले की सीमा के भीतर विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्ययंत्रों और पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके उपयोग से ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है जो 5 जून तक लागू रहेगी।

पटियाला, 9 अप्रैल - अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मैडम कंचन ने फौजदारी, जबाता, संघता 1973 (1974 का अधिनियम संख्या 2) की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पटियाला जिले की सीमा के भीतर विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्ययंत्रों और पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके उपयोग से ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है जो 5 जून तक लागू रहेगी।
आदेश के अनुसार विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों के नेताओं एवं पदाधिकारियों तथा किसी गैर सरकारी संगठन, निजी, सामाजिक, धार्मिक, वाणिज्यिक संगठनों/संस्थाओं आदि के प्रबंधकों/पदाधिकारियों द्वारा आयोजित बैठकों, रैलियों, विरोध प्रदर्शनों आदि के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों, आयोजनों आदि, शादियों, खुशी के अवसरों और विभिन्न अवसरों आदि पर किसी भी भवन, सार्वजनिक स्थानों, खुले स्थानों, पंडालों आदि में लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए किसी के द्वारा विवाह महल, क्लब, होटल और खुले स्थान आदि। पंजाब वाद्ययंत्र (शोर नियंत्रण) अधिनियम, 1956 में निर्धारित शर्तों के अधीन संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट की लिखित मंजूरी के बिना ऑर्केस्ट्रा, संगीत वाद्ययंत्र आदि का संचालन नहीं किया जाएगा। लाउडस्पीकर एवं अन्य कोई संगीत/ध्वनि यंत्र आदि बजाने की अनुमति प्राप्त होने के बावजूद रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक किसी भी भवन अथवा स्थान पर उक्त ध्वनि एवं संगीत वाद्ययंत्र आदि बजाना/बजाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कोई भी व्यक्ति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से अनुमति लेने के बावजूद भी जिन स्थानों पर ये लाउड स्पीकर, ऑडियो/संगीत वाद्ययंत्र आदि बजाए जाएंगे, कार्यक्रम/समारोह की ध्वनि , धार्मिक स्थल और भारत सरकार द्वारा "ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000" के तहत जारी अधिसूचना दिनांक 14/2/2000 में विभिन्न स्थानों के लिए निर्धारित शोर मानक भवन परिक्षेत्र की परिधि के भीतर होना चाहिए। (संबंधित स्थान का ध्वनिक मानक), किसी भी स्थिति में अधिक नहीं होना चाहिए। कोई भी ध्वनि/संगीत वाद्य यंत्र, मशीन आदि, जिसके संचालन से उत्पन्न ध्वनि विभिन्न स्थानों के लिए निर्धारित ध्वनि सीमा से अधिक होगी, पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी। ये आदेश जिले में 5 जून 2024 तक लागू रहेंगे।
अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि एवं पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में एवं जनहित में कोई भी पटाखा, जो स्थान से चार मीटर के दायरे में 125 डीबी (एआई) या 145 डीबी (सी) पीके बंद। वहीं अधिक धुआं छोड़ने वाले और पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पटाखों के निर्माण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री के निर्माण, बिक्री और पटाखों में इस प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध निर्धारित ध्वनि एवं रंग/रोशनी उत्पन्न करने वाले पटाखों पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी स्थान पर किसी के द्वारा पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. मंत्रालय, पर्यावरण, वन, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, अदालतों, धार्मिक संस्थानों आदि जैसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा घोषित साइलेंस जोन के 100 मीटर के भीतर पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा। निषेधाज्ञा के अनुसार किसी भी भवन, व्यावसायिक स्थल, सार्वजनिक स्थल, सिनेमा, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट एवं मेले के प्रबंधन/मालिकों द्वारा किसी भी परिस्थिति में तेज आवाज एवं धमकी भरा संगीत एवं अश्लील गाना बजाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।