जिमीदार ने ढोल नगाड़े के साथ कीर्ति चमनलाल को विदा किया

नवांशहर - गांव गहल मजारी में आज किसानों और मजदूरों का आपसी भाईचारा सामुदायिकता की अनूठी मिसाल बनकर सामने आया। कीर्ति चमन लाल को किसान चरणजीत सिंह झाझ के आंगन से ढोल नगाड़े के साथ बर्खास्त किया गया. कम उम्र में शुरू हुआ यह रिश्ता बुढ़ापे तक ईमानदारी, वफादारी और परिपक्वता का प्रतीक बन गया है।

नवांशहर - गांव गहल मजारी में आज किसानों और मजदूरों का आपसी भाईचारा सामुदायिकता की अनूठी मिसाल बनकर सामने आया। कीर्ति चमन लाल को किसान चरणजीत सिंह झाझ के आंगन से ढोल नगाड़े के साथ बर्खास्त किया गया. कम उम्र में शुरू हुआ यह रिश्ता बुढ़ापे तक ईमानदारी, वफादारी और परिपक्वता का प्रतीक बन गया है।
इस सेवानिवृत्ति समारोह के दौरान चमन लाल की विदाई पर फूलों की वर्षा की गई और सम्मान स्वरूप हार पहनाकर स्मृति चिन्ह दिए गए। इस समारोह के अवसर पर दोनों पक्षों के साका रिश्तेदार और ग्रामीण भी उपस्थित थे। उन्हें ढोल नगाड़ों के साथ एक बड़े कारवां के रूप में घर भेजा गया। विदाई के वक्त दोनों की नम आंखों ने सभी को भावुक कर दिया. बता दें कि चमन लाल ने 35 साल 6 महीने तक चरणजीत सिंह झाज के साथ कृषि में सहायक के रूप में काम किया। इस नौकरी के दौरान उनके बीच भाईचारे का रिश्ता जुड़ गया और दोनों एक-दूसरे के पार्टनर बन गए। चमन लाल ने कहा कि उन्हें काम करते समय कभी भी किसी तरह का कोई फर्क महसूस नहीं हुआ बल्कि हमेशा अपने जैसा ही प्यार मिला। इस मौके पर पूर्व सरपंच दविंदर कौर, चरणजीत सिंह झज्ज की पत्नी और चमन लाल की पत्नी कृष्णा देवी भी मौजूद रहीं।