
''भारत में सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी ही आने वाला भविष्य है'': श्री गोपाल कृष्ण बजाज
चंडीगढ़: 13 मार्च, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज इंडिया सेमीकंडक्टर फैब 2024 में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 13 मार्च, 2024 को भारत में धोलेरा (गुजरात), साणंद (गुजरात) और मोरीगांव (असम) में 3 सेमीकंडक्टर सुविधाओं की आधारशिला रखी। PEC समुदाय ने देश के इस सेमीकंडक्टर मिशन में ऑनलाइन मोड में भाग लिया।
चंडीगढ़: 13 मार्च, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज इंडिया सेमीकंडक्टर फैब 2024 में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 13 मार्च, 2024 को भारत में धोलेरा (गुजरात), साणंद (गुजरात) और मोरीगांव (असम) में 3 सेमीकंडक्टर सुविधाओं की आधारशिला रखी। PEC समुदाय ने देश के इस सेमीकंडक्टर मिशन में ऑनलाइन मोड में भाग लिया। इसके साथ ही PEC की स्पॉन्सर्ड रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल कंसल्टेंसी (SRIC) ने सीनेट हॉल में ''फ्यूचर ऑफ़ सेमीकंडक्टर इन इंडिया'' विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया। इस सेमिनार के मुख्य वक्ता श्री गोपाल कृष्ण बजाज, सीनियर मैंबर, एप्लाइड मैटेरियल्स अल्बानी, उनके साथ निदेशक, PEC, प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी और प्रो. अरुण कुमार सिंह (हेड, SRIC) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई। साथ ही, रजिस्ट्रार कर्नल आर.एम. जोशी सहित इस कार्यक्रम में संकाय के सभी सदस्य और 70 से भी अधिक छात्र भी उपस्थित थे।
पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के 3 सेमीकंडक्टर का उद्घाटन किया। सेमीकंडक्टर हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए एक मूलभूत उद्योग है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश में सेमीकंडक्टर उन्नति की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, कि भारत अपनी सेमीकंडक्टर तकनीक को आगे बढ़ाकर तकनीकी उन्नति की ओर अपना मार्ग प्रशस्त कर रहा है। उन्होंने देश के युवाओं की क्षमता पर फोकस किया। उन्होंने कहा, कि, ''भारत एक प्रमुख सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए तैयार है।''
प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह (हेड, SRIC) ने PEC के प्रांगण में आने के लिए रिसोर्स पर्सन और सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने सेमिनार के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने देश के रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में सेमीकंडक्टर की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, कि सेमीकंडक्टर ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले 50 वर्षों में सेमीकंडक्टर तकनीक ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को छोटा, तेज़ और अधिक विश्वसनीय बना दिया है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया, यह सेमीकंडक्टर फैब देश की तकनीकी उन्नति की गति को तेज करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
श्री गोपाल कृष्ण बजाज ने सेमीकंडक्टर की वर्किंग पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण, सेमीकंडक्टर वैल्यू चैन और भारत में सेमीकंडक्टर की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी जीवन-यात्रा से बातचीत की शुरुआत की और फिर सेमीकंडक्टर लैब में सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण और कार्यप्रणाली को दर्शाने वाला एक AV भी प्रदर्शित किया। उन्होंने सी ट्रांजिस्टर और लॉजिक डिवाइसेस के लिए टेक्नोलॉजिकल नोड्स के विकास के रुझान को भी साझा किया। अंत में उन्होंने कहा कि, ''भारत में सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी ही आने वाला भविष्य है।''
निदेशक प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी ने इस आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने देश के सेमीकंडक्टर मिशन में इस पहल के लिए प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह की विशेष रूप से सराहना की।
रजिस्ट्रार, कर्नल आर.एम. जोशी ने देश में सेमीकंडक्टर की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ''विकसित भारत @2047 का विज़न केवल देश के युवाओं और युवा दिमागों की भागीदारी से ही हासिल किया जा सकता है।'' उन्होंने वैश्विक स्तर पर प्रतिभाशाली भारतीय दिमागों के समर्पण, दृढ़ संकल्प और क्षमता पर भी प्रकाश डाला। अंत में उन्होंने कहा कि, ''भारत अपने लोगों और अपने कार्यबल को महत्व देता है।'' सेमीकंडक्टर उद्योग में इस मिशन के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने इस सेमिनार के आयोजन के लिए प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह को भी धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम सभी सम्मानित अतिथियों के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।
