सवालों के घेरे में वन्यजीव संरक्षण विभाग

गढ़शंकर 30 जनवरी - दरअसल वन्य जीव संरक्षण विभाग में पाई गई कई त्रुटियों के कारण वन्य जीव इंसानों और सरकारी उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारी सर्दियों में गर्म कमरों का आनंद ले रहे हैं और जंगली जानवर बिस्त दोआब नहर में रह रहे हैं। लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान को जब पता चला कि जंगली सूअर बिस्त दोआब नहर में गिर गए हैं,

गढ़शंकर 30 जनवरी - दरअसल वन्य जीव संरक्षण विभाग में पाई गई कई त्रुटियों के कारण वन्य जीव इंसानों और सरकारी उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारी सर्दियों में गर्म कमरों का आनंद ले रहे हैं और जंगली जानवर बिस्त दोआब नहर में रह रहे हैं। लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान को जब पता चला कि जंगली सूअर बिस्त दोआब नहर में गिर गए हैं, तो वे तुरंत पोसी और अमन जाट के बीच गांव में गए और पता चला कि 2 सूअर नहर में गिर गए हैं और मर गए हैं। और उनमें से एक जाट के पास नहर के किनारे पेड़ों की झुरमुट में छिप गया। इस मौके पर पहुंची वाइल्ड सिक्योरिटी गार्ड श्री मति रमनदीप कौर भी अपनी एक्टिवा टीम के साथ मोटरबाइक और कैनेटीक्स पर पहुंची और उनकी टीम ने बिना किसी ठोस साधन के मृत सूअरों को नहर के ठंडे पानी में से बाहर निकाल लिया और तीसरा सूअर नहर के किनारे पेड़ों में छिप गया। इस दौरान लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान ने पूरे मामले को वन्य जीव संरक्षण विभाग के उपमंडल अधिकारी अनिल यादव के ध्यान में लाया और बताया कि संसाधनों की कमी के कारण सुअर किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है. मौके पर न तो रेंज अधिकारी पहुंचे और न ही गाड़ी व पिंजरा। ठंड के मौसम में सभी कर्मचारी और मैं भी ठंड में खड़े थे. जब गाड़ी व पिंजरा नहीं पहुंचा तो पूरा मामला एसडीएम गढ़शंकरजी के ध्यान में भी लाया गया।
धीमान ने कहा कि नहर से निकाले गए मृत सूअरों को इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण फॉरेस्ट गार्ड की एक्टिवा पर लाद दिया गया, जबकि विभाग के पास अपनी गाड़ी भी है। उन्होंने कहा कि दरअसल वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई और इन जानवरों के पास जीवन जीने के साधनों की कमी के कारण ये जंगली जानवर भोजन की तलाश में मैदानी इलाकों में आते हैं। या तो वे शिकारियों के शिकार हैं या फिर अपना ठिकाना बनाने की तलाश में नहरों आदि में गिर जाते हैं। धीमान ने कहा कि कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण सभी वन्यजीवों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण विभाग को स्मार्ट तरीके से दुरुस्त करने की जरूरत है और उनके कार्यालय भी जंगलों में होने चाहिए. ये जानवर भी इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं. धीमान ने सरकार से मांग की कि रेस्क्यू के लिए समय पर वाहन न पहुंचने की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बचाव दल को सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध करायी जानी चाहिए।