25 दिसंबर भोग पर विशेष

माहिलपुर - माहिलपुर नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष और एमसी बीबी गुरुमीत कौर बैंस का 16 दिसंबर 2023 को निधन हो गया। उनके जीवन पर नजर डालने से पता चलता है कि वह एक सफल प्रशासक और समर्पित शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई विद्यार्थियों को बुलंदियों पर पहुंचाया।सीएचटी के पद पर रहते हुए उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल माहिलपुर को जिले का प्रथम रैंक स्कूल बनाने का गौरव प्राप्त किया। वह अपने पेशे के प्रति इतने समर्पित थे कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कभी भी कोताही नहीं बरतते थे।जरूरतमंद बच्चों की मदद करना और उन्हें सही दिशा देना उनका मुख्य लक्ष्य था। छात्र अपने समर्पण से हमेशा विनम्र रहते हैं।

माहिलपुर - माहिलपुर नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष और एमसी बीबी गुरुमीत कौर बैंस का 16 दिसंबर 2023 को निधन हो गया। उनके जीवन पर नजर डालने से पता चलता है कि वह एक सफल प्रशासक और समर्पित शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई विद्यार्थियों को बुलंदियों पर पहुंचाया।सीएचटी के पद पर रहते हुए उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल माहिलपुर को जिले का प्रथम रैंक स्कूल बनाने का गौरव प्राप्त किया। वह अपने पेशे के प्रति इतने समर्पित थे कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कभी भी कोताही नहीं बरतते थे।जरूरतमंद बच्चों की मदद करना और उन्हें सही दिशा देना उनका मुख्य लक्ष्य था। छात्र अपने समर्पण से हमेशा विनम्र रहते हैं। प्रेम, सम्मान, प्रेम, दृढ़ संकल्प, साहस, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करना उनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। कई अन्य महान कार्यों के साथ-साथ पद्म श्री सोभा सिंह की याद में, खालसा कॉलेज माहिलपुर के चढ़ते पासे सोभा सिंह नगर का निर्माण किया।
                  बीबी गुरमीत कौर बैंस ने अपने परिवार में रिकॉर्डर स्थापित किए। उनके पति ज्ञानी हरकेवल सिंह तौरीसी एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पंजाबी शिक्षक और प्रख्यात लेखक थे। जिन्होंने अपने जीवन में 24 बहुमूल्य शोध पुस्तकें लिखीं और उन्हें पाठकों को निःशुल्क वितरित किया l उनके बड़े बेटे जगदीप सिंह रूबी अमेरिका में चीफ इंजीनियर थे l बेटी माधरी ए सिंह ने एथलेटिक्स के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों के साथ अर्जना पुरस्कार जीता l छोटे बेटे अमनदीप सिंह बैंस सैफ गेम्स 1500 मीटर रिकॉर्ड धारक हैं, उनकी पोती हरमिलन बैंस ने 2023 एशियाई खेलों में दो पदक जीतकर परिवार का नाम और बढ़ाया। इसी तरह पोतरा शनदीप 10 मीटर पिस्टल शूटिंग में पंजाब चैंपियन बन गए हैं। इन सभी उपलब्धियों के पीछे बीबी गुरमीत कौर का विशेष योगदान है। उन्होंने ज्ञानी जी द्वारा स्थापित विरासत को भी कायम रखा।साहित्यिक, खेल, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संरक्षण देना और रचनात्मक विचारकों को बधाई देना उनके स्वभाव में था। सभी का भला करने में विश्वास करना और हर जरूरतमंद की मदद करना उनके पूरे जीवन का काम था। बीबीजी के नक्शेकदम हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
                     उनका जन्म 15 अक्टूबर 1937 को पिता किरपाल सिंह और माता सुखवंत कौर के घर गांव राजोवाल जिला होशियारपुर में हुआ था। उन्होंने लगभग 37 वर्षों तक शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट सेवाएं दीं और 1995 में सीएचटी के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनकी अंतिम प्रार्थना के अवसर पर 25 दिसंबर को गुरुद्वारा धर्मशाला माहिलपुर में धार्मिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, खेल और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि श्रद्धा के फूल चढ़ाएंगे।