कोहरे के मौसम में जिलेवासी विशेष सावधानी बरतें और ठंडी हवाओं से बचें-उपायुक्त
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिलावासियों को सर्दी के मौसम में ठंडी हवाओं से होने वाले नुकसान से बचने के लिए पहले से तैयारी करने को कहा है। उन्होंने जिलेवासियों से कहा कि वे अपने पशुओं, फसलों एवं अन्य वस्तुओं के रख-रखाव की व्यवस्था अभी से ही पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि इन दिनों में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिलावासियों को सर्दी के मौसम में ठंडी हवाओं से होने वाले नुकसान से बचने के लिए पहले से तैयारी करने को कहा है। उन्होंने जिलेवासियों से कहा कि वे अपने पशुओं, फसलों एवं अन्य वस्तुओं के रख-रखाव की व्यवस्था अभी से ही पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि इन दिनों में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
उपायुक्त ने सर्दी के मौसम में शीतलहर के दौरान क्या करें और क्या न करें की सलाह दी और कहा कि ठंड से बचने के लिए मोटे कपड़ों का प्रयोग करें। इसके अलावा घर के दरवाजे और खिड़कियां अच्छी तरह से बंद रखें, ताकि शीत लहर घर में प्रवेश न कर सके। उन्होंने कहा कि फ्लू, नाक बहने या अन्य बीमारियों के लक्षण होने पर सबसे पहले चिकित्सकीय सहायता लें।
उपायुक्त ने कहा कि कोहरे के दौरान वाहन चालकों को अपने वाहन की गति धीमी रखनी चाहिए। वाहन चालकों को अपने वाहन की लाइटें धीमी बीम पर रखनी चाहिए, ताकि आने वाले वाहनों को जल्दी से देखा जा सके और सड़क पर आने वाले वाहनों को रोशनी दिखाई दे सके। उन्होंने कहा कि कोहरे के दौरान हमेशा वाहन के इंडिकेटर का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल व अन्य किसी उपकरण का प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि हमेशा सड़क पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामने से आने वाले वाहनों की दृश्यता कम होने के कारण वाहन चलाते समय आसपास के शोर का ध्यान रखना चाहिए, ताकि कोहरे के दौरान कोई दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि कोहरे के दौरान सड़क पर लेन का पालन करना चाहिए और वाहन को ओवरटेक करने से बचना चाहिए।
कोमल मित्तल ने सड़क दुर्घटनाओं से बचने की सलाह देते हुए कहा कि अपने वाहन की खिड़कियां हमेशा साफ रखनी चाहिए और वाहनों के बीच दूरी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि शीत लहर के दौरान मवेशियों को ताकत के लिए सामान्य से अधिक चारे की जरूरत होती है. पशु आश्रय स्थलों को चारों तरफ से ढक दिया जाए, ताकि किसी भी तरफ से हवा प्रवेश न कर सके। पशुओं को संपूर्ण चारा उपलब्ध कराकर, अच्छी गुणवत्ता वाले चारे का उपयोग करके, पशु शेडों में सूर्य की रोशनी पहुंचाकर तथा पशुओं के नीचे पुआल बिछाकर तथा अन्य आवश्यक साधनों का उपयोग करके ठंड से बचाया जा सकता है।
