
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन ने सरकार से बोर्ड के बकाया भुगतान की मांग को लेकर एक विरोध रैली का आयोजन किया
एसएएस नगर, 2 नवंबर- पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन ने कक्षा 5-8 के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल खोलने और बोर्ड कार्यालय को 5वीं-8वीं कक्षा की परीक्षा शुल्क और पाठ्य पुस्तक पैडिंग राशि जारी करने में सरकार की विफलता के खिलाफ
एसएएस नगर, 2 नवंबर- पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन ने कक्षा 5-8 के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल खोलने और बोर्ड कार्यालय को 5वीं-8वीं कक्षा की परीक्षा शुल्क और पाठ्य पुस्तक पैडिंग राशि जारी करने में सरकार की विफलता के खिलाफ, आंतरिक खातों को लेकर बोर्ड प्रबंधन पर बनाए जा रहे दबाव को लेकर आज बोर्ड कार्यालय में सुबह 9 से 11 बजे तक सांकेतिक विरोध सभा की.
सभा को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष परविंदर सिंह खंगुरा ने कहा कि संगठन ने अगस्त माह में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को चेताया था कि जब तक पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा फीस की 120 करोड़ की राशि बकाया रहेगी. एवं वर्ष 2024-25 के लिए जब तक मुद्रित होने वाली पाठ्यपुस्तकों की अग्रिम राशि जारी नहीं हो जाती, तब तक परीक्षा पोर्टल नहीं खोला जाएगा और न ही पाठ्यपुस्तकों की छपाई के संबंध में टेंडर आदि की कोई प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
संगठन के महासचिव सुखचैन सिंह सैनी ने कहा कि सरकार बोर्ड कार्यालय को पैसा जारी करने की बजाय बोर्ड प्रबंधन पर पोर्टल खोलने का दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से बोर्ड कार्यालय को पेडिंग राशि जारी करने को लेकर सरकार के वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और कल्याण विभाग के मंत्रियों को मांग पत्र दिया जा रहा है. पूर्व में बोर्ड कार्यालय को 65 करोड़ रुपये की राशि जारी करने के संबंध में पत्र भी जारी किया जा चुका है, लेकिन यह राशि अभी तक बोर्ड कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है.
सभा को संबोधित करते हुए संगठन की उपाध्यक्ष-1 सीमा सूद, उपाध्यक्ष-2 प्रभदीप सिंह बोपाराय, सचिव सुनील कुमार अरोड़ा और संयुक्त मंडल गुरइकबाल सिंह सोढ़ी ने कहा कि कार्यालय वर्ष 2020 से पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित कर रहा है। इन कक्षाओं की परीक्षा कराने पर बोर्ड कार्यालय द्वारा हर साल करीब 25-30 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. लेकिन एस.सी.इ.आर.टी ऑफिस द्वारा इस कार्य के लिए बोर्ड कार्यालय को केवल 3 करोड़ रुपये जारी किए जाते हैं, जिसके कारण विभाग को 120 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। इसके अलावा बोर्ड कार्यालय द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत आपूर्ति की गई पाठ्यपुस्तकों की 400 करोड़ रुपये की राशि भी सरकार के पास लंबित है. बोर्ड की वित्तीय स्थिति इस हद तक खराब हो चुकी है कि बोर्ड कार्यालय से सेवानिवृत्त होने वाले साथियों के वित्तीय लाभ भी समय पर जारी नहीं हो पा रहे हैं। हर महीने वेतन और पेंशन समय पर जारी होने में काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नेताओं ने कहा कि अगर बोर्ड प्रबंधन ने सरकार के दबाव में पोर्टल खोलने की प्रक्रिया शुरू की तो इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए परीक्षा शुल्क एवं पाठ्यपुस्तक मुद्रण की पैडिंग राशि के लिए 50-60 प्रतिशत अग्रिम राशि बोर्ड कार्यालय को जारी नहीं की तो सभी कर्मचारियों के सहयोग से अगली रूपरेखा तैयार की जाएगी .
इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलजिंदर सिंह बराड़, कनिष्ठ उपाध्यक्ष मलकीत सिंह गग्गड़, वित्त सचिव राज कुमार भगत, कार्यालय सचिव हरदीप सिंह गिल, संगठन सचिव जसवीर सिंह चोटियां, प्रेस सचिव जसप्रीत सिंह गिल और सदस्यों में जसपाल सिंह उपस्थित थे। तेहना, मनजिंदर सिंह हुल्का, बलजिंदर सिंह मंगत गौरव सांपला, लछमीं देवी मनजीत सिंह लहरागागा और सुरिंदर सिंह भी मौजूद थे।
