
माहिलपुर और गढ़शंकर की मशहूर मिठाई की दुकानों से सात सैंपल भरकर प्रयोगशाला में भेजे गए।
माहिलपुर और गढ़शंकर की मशहूर मिठाई की दुकानों से सात सैंपल भरकर प्रयोगशाला में भेजे गए। छापेमारी के दौरान दुकानों में मिली मिठाइयों से भारी मात्रा में मरी हुई मक्खियां बरामद हुईं
गढ़शंकर -पंजाब सरकार द्वारा लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और त्योहारों को प्राथमिकता में रखते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखवीर सिंह और खाद्य सुरक्षा टीम ने आज गढ़शंकर और माहिलपुर में सात मिठाई की दुकानों से विभिन्न मिठाइयों के नमूने लिए। खास तौर पर माहिलपुर के बलदीप स्वीट शॉप में छापेमारी की गई तो यह देखकर दंग रह गए कि तैयार किए गए गुलाब जामुन में बड़ी संख्या में मरी हुई मक्खियां थीं। इसके अलावा किचन बहुत गंदा था और बाकी मिठाइयाँ भी नंगी पड़ी थीं, जिन पर मक्खियाँ घूम रही थीं। इस मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी विवेक कुमार, राम लुभाया, नरेश कुमार और मीडिया विंग से गुरविंदर साने भी मौजूद रहे। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि माहिलपुर और गढ़शंकर में बीकानेरी स्वीट शॉप, लवली स्वीट शॉप, न्यू रामसंज स्वीट शॉप जैसी प्रसिद्ध मिठाई की दुकानों पर छापेमारी की गई और विशेष रूप से रसोई की जांच की गई। उन्होंने सभी मिठाई दुकान मालिकों को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर छापेमारी के दौरान साफ-सफाई नहीं मिली तो बड़े पैमाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर उन्होंने बताया कि दुकानों से सात सैंपल लिए गए हैं, जिसमें बर्फी, खोया, रसगुल्ले, गुलाब जामन के सैंपल जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं. उन्होंने उन सभी दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत आवश्यक लाइसेंस एवं निबंधन प्राप्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिनकी नवीकरण तिथि बीत गयी है वे भी पुनः नवीकरण करा लें, अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने एफबीओ को आदेश दिया कि हर दुकान के लिए लाइसेंस बहुत जरूरी है. अगर किसी दुकानदार के पास लाइसेंस नहीं है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है या दुकान सील की जा सकती है. उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल स्टोरकीपरों के लिए भी लाइसेंस जरूरी है क्योंकि वे कई खाद्य उत्पाद भी बेचते हैं. उन्होंने कहा कि 12 लाख से अधिक की बिक्री वाले दुकानदार के लिए लाइसेंस जरूरी है. एक साल की फीस 2,000 रुपये है और इससे कम पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. एक साल के लिए 100 रुपये और पांच साल के लिए 500 रुपये सरकारी शुल्क है। पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन तंदुरुस्त को लागू किया जाएगा ताकि लोगों को अच्छा और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
