निजी प्रयोगशालाएं अपनी मनमर्जी से दरें वसूल रही हैं, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर है

बरसात के मौसम के कारण कई बीमारियाँ घर कर लेती हैं। जैसे आजकल डेंगू अपना प्रभाव दिखा रहा है। सरकारी अस्पताल में प्रयोगशाला में आवश्यक मशीनों और कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों को आदर्श के संस्थापक अध्यक्ष यह विचार सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सतीश कुमार सोनी ने प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त करते हुए कहा कि इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष लखविंदर कुमार भी मौजूद थे. समाज में कई समस्याएं अपने पैर पसार रही हैं. आज डेंगू जैसी भयानक बीमारी अपनी पकड़ बना रही है.

सरकारी अस्पतालों में स्थापित प्रयोगशालाओं में स्टाफ एवं जांच मशीनें यथाशीघ्र उपलब्ध कराई जाएं।   गढ़शंकर 29 अगस्त (मनजिंदर कुमार पंसारा) बरसात के मौसम के कारण कई बीमारियाँ घर कर लेती हैं। जैसे आजकल डेंगू अपना प्रभाव दिखा रहा है। सरकारी अस्पताल में प्रयोगशाला में आवश्यक मशीनों और कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों को आदर्श के संस्थापक अध्यक्ष यह विचार सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सतीश कुमार सोनी ने प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त करते हुए कहा कि इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष लखविंदर कुमार भी मौजूद थे. समाज में कई समस्याएं अपने पैर पसार रही हैं. आज डेंगू जैसी भयानक बीमारी अपनी पकड़ बना रही है. आम जनता। जिसमें रोगी की रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं। सरकारी प्रयोगशालाओं में जरूरत के मुताबिक स्टाफ और मशीनों की कमी के कारण मरीजों को जांच के लिए अस्पताल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें जांच के लिए बाहर निजी प्रयोगशालाओं में जाना पड़ रहा है, जहां उन्हें महंगी दरों पर जांच मिलती है। मजबूर होना पड़ेगा राज्य सरकार द्वारा मोहल्ला क्लिनिक खोले जा रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस अवसर पर सोसायटी के मीडिया प्रभारी मंजीत राम हीर जी ने कहा कि निजी प्रयोगशालाएं अपनी मनमर्जी से दरें ले रही हैं, जो आम लोगों की पहुंच से दूर हैं। जबकि धर्मार्थ प्रयोगशालाओं में वही परीक्षण बहुत सस्ती दरों पर किए जा रहे हैं। जो धर्मार्थ प्रयोगशालाओं से पूरे शरीर का परीक्षण रुपये में करते हैं। 700 से 1000 रुपये में यही जांच निजी प्रयोगशालाएं करती हैं। 2500 से 4000 रुपये तक वसूलना सबके लिए पहेली बन गया है। जिससे आम जनता के लिए यह परेशानी का कारण बन गया है। कहा कि राज्य सरकार को इन प्रयोगशालाओं द्वारा मनमाने ढंग से वसूली जा रही दरों पर अंकुश लगाना चाहिए। इस कारण इन पर नकेल कसनी चाहिए और सरकारी अस्पतालों में बनी प्रयोगशालाओं को यथाशीघ्र आवश्यकतानुसार स्टाफ और जांच मशीनें उपलब्ध करानी चाहिए। आम जनता सस्ते दरों पर अपने शरीर की जांच करा सकती है।