वेटरनरी विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान केन्द्रों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला संपूर्ण
लुधियाना 20 सितम्बर 2024- 72 कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला आज गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में संपन्न हुई। कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन 1 से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्रों की इस कार्यशाला में 90 से अधिक प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान पिछले वर्ष की उपलब्धियों और आगामी वर्ष के लक्ष्यों पर चर्चा की गई।
लुधियाना 20 सितम्बर 2024- 72 कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला आज गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में संपन्न हुई। कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन 1 से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्रों की इस कार्यशाला में 90 से अधिक प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान पिछले वर्ष की उपलब्धियों और आगामी वर्ष के लक्ष्यों पर चर्चा की गई। डॉ परवेन्दर शेरोन, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन 1 ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यशाला के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की।
डॉ संजय कुमार, कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली के अध्यक्ष मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किये जा रहे अनूठे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से नई मशीनरी, उपकरण और प्रौद्योगिकियां किसानों तक पहुंच रही हैं जिससे उत्पादन और आय में वृद्धि हो रही है।
डॉ उधम सिंह गौतम, उप महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद विशेष अतिथि थे। उन्होंने कहा कि हमें प्रसार गतिविधियों में विकसित भारत @ 2047 की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान में सुधार के लिए बहुत सहायक हैं। इन केंद्रों के माध्यम से ही सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंच रही हैं। समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल ने कहा कि हमें इन केंद्रों के माध्यम से युवाओं को कृषि से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और बेहतर विपणन किसानों के लिए नये अवसर पैदा कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ मक्खन सिंह भुल्लर, निदेशक प्रसार शिक्षा, पीएयू भी उपस्थित थे।
समापन समारोह के दौरान विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा लिखित प्रकाशन भी लोकार्पण किये गये। केवीके जालंधर को उत्तम केंद्र का सम्मान प्राप्त हुआ । समग्र चलंत ट्रॉफी और एक लाख का पुरस्कार प्रसार शिक्षा निदेशालय, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू को दिया गया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, जम्मू क्षेत्र के केवीके रियासी, कश्मीर के केवीके पुलवामा ,पंजाब के केवीके तरनतारन और संगरूर, हिमाचल प्रदेश के केवीके सोलन, उत्तराखंड के केवीके, हरिद्वार को उत्तम केंद्र का सम्मान मिला केन्द्र। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार भी प्रदान किये गये।
कार्यशाला के दौरान विभिन्न सत्रों में कृषि एवं संबद्ध व्यवसायों के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं, जिसका प्रतिभागियों ने भरपूर लाभ उठाया।डॉ प्रकाश सिंह बराड़, प्रसार शिक्षा निदेशक और प्रशासनिक सचिव ने कार्यशाला को सफल बनाने के लिए गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
