वेटरनरी विश्वविद्यालय और दयानंद मेडिकल कॉलेज बूचड़खानों से होने वाली बीमारियों पर रखेंगे नजर

लुधियाना 09 अगस्त 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सामान्य आधार पर लेकर एक परियोजना मिली है। इस परियोजना के तहत 'एक स्वास्थ्य' के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए बूचड़खानों के माध्यम से जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों के रोगजनकों पर निगरानी रखी जाएगी।

लुधियाना 09 अगस्त 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सामान्य आधार पर लेकर एक परियोजना मिली है। इस परियोजना के तहत 'एक स्वास्थ्य' के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए बूचड़खानों के माध्यम से जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों के रोगजनकों पर निगरानी रखी जाएगी। इस संबंध में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक को डॉ. राजीव बहल, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और निदेशक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक मंच पर मानव और पशु स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए पशु चिकित्सा और मानव स्वास्थ्य पेशेवरों की बहुत आवश्यकता है जो इन बीमारियों की तुरंत पहचान कर सकें। इस अवसर पर डॉ. सिन्दूरा गणपति, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय, भारत सरकार और डॉ. राघवेंद्र भट्ट, उप महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भी बात की।
  वेटरनरी विश्वविद्यालय के डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल, निदेशक अनुसंधान , डॉ. जसबीर सिंह बेदी और डॉ. पंकज ढाका जबकि दयानंद मेडिकल कॉलेज से डॉ. वीनू गुप्ता, डॉ. राजेश महाजन और डॉ. मनीषा अग्रवाल शामिल हुईं। डॉ गिल ने पशु से मानवों को होने वाले रोगों के क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत पंजाब के बूचड़खानों की साफ-सफाई और कामगारों के कल्याण को लेकर कई विषयों पर कार्य किया जाएगा। डॉ जसबीर सिंह बेदी और डॉ. वीनू गुप्ता ने पंजाब में इस परियोजना के कार्यान्वयन की पूरी रूपरेखा समझाई और संभावित परिणामों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बूचड़खाना कर्मियों को प्रशिक्षण के माध्यम से वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी दी जायेगी।
डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने पूरी शोध टीम को बधाई दी और कहा कि इस परियोजना से मांस सुरक्षा और स्वच्छ उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना सार्वजनिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और 'एक स्वास्थ्य' की थीम पर काम करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।