
प्रीगैबलिन दवा डॉक्टर की मंजूरी के बिना फार्मेसी द्वारा नहीं दी जानी चाहिए
नवांशहर - जिला मजिस्ट्रेट नवजोत पाल सिंह रंधावा ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए एक आदेश जारी किया है कि प्रीगैबलिन दवा फार्मेसी द्वारा केवल सक्षम डॉक्टर की मंजूरी के आधार पर और निर्धारित समय के लिए ही दी जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि फार्मेसी को इस दवा का पूरा रिकार्ड रखना होगा।
नवांशहर - जिला मजिस्ट्रेट नवजोत पाल सिंह रंधावा ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए एक आदेश जारी किया है कि प्रीगैबलिन दवा फार्मेसी द्वारा केवल सक्षम डॉक्टर की मंजूरी के आधार पर और निर्धारित समय के लिए ही दी जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि फार्मेसी को इस दवा का पूरा रिकार्ड रखना होगा।
उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन ने अपने कार्यालय के पत्रांक ड्रग्स/2023/452 दिनांक 24.8.2023 के माध्यम से सूचित किया है कि फाइब्रोमायल्जिया/न्यूरेल्जिया आदि रोगों से संबंधित रोगियों के इलाज के लिए प्रीगैबलिन का उपयोग आमतौर पर चिकित्सा विशेषज्ञ/मनोचिकित्सक/जीडीएमओ द्वारा निर्धारित किया जाता है। लेकिन उच्च खुराक में प्रीगैबलिन दवा का नशे के रूप में दुरुपयोग किया जा सकता है। इसलिए फार्मेसी द्वारा प्रीगैबलिन दवा केवल सक्षम डॉक्टर की मंजूरी के आधार पर और निर्धारित समय के लिए ही दी जानी चाहिए। यह आदेश 25 अगस्त 2024 तक लागू रहेगा.
