खेल साहित्य शरीर और मन को मजबूत रखता है - देविंदर कुमार चंडीगढ़

माहिलपुर - खेल साहित्य तन और मन का मनोरंजन करता है। यह विचार पैगाम ए जगत के संपादक दविंदर कुमार ने करुंबलन भवन, माहिलपुर में एक विचार गोष्टी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि शिरोमणि पंजाबी बाल साहित्य लेखक बलजिंदर मान ने बाल साहित्य के क्षेत्र में तो नाम कमाया ही है, उन्होंने अपनी खेल पुस्तकों से खेल साहित्य के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है।

माहिलपुर - खेल साहित्य तन और मन का मनोरंजन करता है। यह विचार पैगाम ए जगत के संपादक दविंदर कुमार ने करुंबलन भवन, माहिलपुर में एक विचार गोष्टी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि शिरोमणि पंजाबी बाल साहित्य लेखक बलजिंदर मान ने बाल साहित्य के क्षेत्र में तो नाम कमाया ही है, उन्होंने अपनी खेल पुस्तकों से खेल साहित्य के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है।
खासकर माहिलपुर के फुटबॉल जगत के बारे में वह पहले लेखक हैं, जिन्होंने पंजाबी अखबारों और पत्रिकाओं में फुटबॉल के बारे में लिखा। उन्होंने आगे कहा कि साहित्य, सामाजिक, संस्कृति, खेल और पत्रकारिता के क्षेत्र में बलजिंदर मान के कौशल से उनके जैसे कई लोग प्रेरणा ले रहे हैं। सुर संगम एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस विचार गोष्टी में ऑल इंडिया रेडियो चंडीगढ़ के पूर्व सहायक निदेशक सुरिंदर पाल झल्ल ने प्रमुख रूप से भाग लिया। 'बलजिंदर मान का खेल से साहित्य तक' विषय पर आयोजित इस मंच में उन्होंने कहा कि इस साहित्यकार ने बचपन से ही क्षेत्र की कलात्मक गतिविधियों को देश-दुनिया के सामने लाने का जिम्मा उठाया था। और यह आज तक परोपकारी कार्यों में लगे हुए हैं। पंजाबी में बच्चों की एकमात्र पत्रिका निक्कीया क्रुंभलान है जो तीन दशकों से लगातार प्रकाशित हो रही है और मान की बदौलत इसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है. इन उपलब्धियों पर संपूर्ण साहित्यिक, खेल, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक जगत को गर्व है। प्रवीण कुमार ने इन प्रयासों में परिवार के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि लेखक का पूरा परिवार इस कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहा है। बलजिंदर मान ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि साहित्य सृजन के लिए साहित्यिक माहौल का होना बहुत जरूरी है। माहिलपुर क्षेत्र फुटबॉल की नर्सरी होने के कारण उनके लेखन में फुटबॉल को प्राथमिकता दी गई है। इसलिए, वह पूरे क्षेत्र के आभारी हैं, जिसने उन्हें इतनी बड़ी उपलब्धियों के लिए कलम का आशीर्वाद दिया है। सुखमन सिंह, बग्गा सिंह कलाकार, हरवीर मान, कुलदीप कौर बैंस, हरमनप्रीत कौर, मंजीत कौर, मनजिंदर हीर, पवन स्करुली और निधि अमन सहोता सहित साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।