
डॉ. बीआर अंबेडकर की 133वीं जयंती से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन किया
फगवाड़ा - युगपुरुष, भारत रत्न और भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जिन्होंने बचपन से ही सामाजिक असमानता, अन्याय और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने शिक्षा की सहायता से समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन किये। अपनी उच्च शिक्षा और दूरदर्शी सोच के कारण वे विश्व में ज्ञान के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
फगवाड़ा - युगपुरुष, भारत रत्न और भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जिन्होंने बचपन से ही सामाजिक असमानता, अन्याय और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने शिक्षा की सहायता से समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन किये। अपनी उच्च शिक्षा और दूरदर्शी सोच के कारण वे विश्व में ज्ञान के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण कर विशेषकर महिलाओं की शिक्षा और सामाजिक समानता के लिए एक मील का पत्थर स्थापित किया। ये शब्द राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जगतपुर जट्टां में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान प्रधानाचार्या श्रीमती रीना ने व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर जी की तस्वीर पर पुष्प मालाएं अर्पित की गईं। इस अवसर पर आठवीं कक्षा की छात्रा परमिंदर कौर ने भी भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर जी के जीवन और संघर्ष पर अपना भाषण पढ़ा।
इस अवसर पर समस्त स्टाफ ने विद्यार्थियों को स्टेशनरी भी वितरित की। इस मौके पर मैडम कमलेश कुमारी, उषा रानी, जसविंदर सिंह, अमरजीत कौर, कमलप्रीत कौर, अर्जनजीत सिंह, पूजा रानी, देव राज के अलावा स्टाफ सदस्य, स्कूल के विद्यार्थी और गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
