अरदास से 'जिणां पुठियाँ खलां लुहाइयाँ' पंक्तियाँ को काटने पर सिखों में भारी विरोध हुआ

लुधियाना - अरदास में से 'जिणां पुठियाँ खलां लुहाइयाँ' की पंक्ति काटने से सिखों को हुई गहरी ठेस को देखते हुए हरदेव सिंह बोपाराय और उनके साथियों द्वारा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अरदास में दोबारा संशोधन करने के लिए एक मांग पत्र भेजा।

लुधियाना - अरदास में से 'जिणां पुठियाँ खलां लुहाइयाँ' की पंक्ति काटने से सिखों को हुई गहरी ठेस को देखते हुए हरदेव सिंह बोपाराय और उनके साथियों द्वारा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अरदास में दोबारा संशोधन करने के लिए एक मांग पत्र भेजा। 
उनसे प्रभावित होकर श्री गुरु रविदास फेडरेशन पंजाब के ब्लॉक अध्यक्ष गुरमीत सिंह बिट्टू मलकपुर भी देश के महान शहीद बाबा जय सिंह खलकट, पुठी खल गांव बहरण, जिला पटियाला में शामिल हुए और कहा कि महान शहीद सिख समुदाय, बाबा जय सिंह खलकट, जिन्होंने सिख धर्म के मूल्यों की रक्षा के लिए पुठियाँ खलां लुहा के अपने जीवन का बलिदान दिया। लेकिन मौजूदा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनका नाम अरदास से काट दिया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसने अरदास से "जिणां पुठियाँ खलां लुहाइयाँ" पंक्तियों को काटकर सिख समुदाय के दिलों को गहरी ठेस पहुंचाई है। बिट्टू मलकपुर ने कहा कि श्री गुरु रविदास फेडरेशन पंजाब, माई भागो एजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी, श्री गुरु रविदास यूथ क्लब अयाली खुर्द, डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन, भाई घनैया जी जल बचाओ जल पूर्ति संघ, शहीद बाबा जय सिंह जी खलकट एजुकेशन एंड वेलफेयर इंटरनेशनल सोसायटी शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरदेव सिंह बोपाराय द्वारा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के माध्यम से जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब को दिए गए लिखित पत्र को ध्यान में रखते हुए पहले इन पंक्तियों को अरदास में शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के महान शहीद का जिक्र पहले से ही अरदास में किया जाता रहा है. लेकिन बड़े दुख की बात है कि शिरोमणि संस्था शिरोमणि कमेटी अमृतसर द्वारा छपवाए गए नए गुटका साहिब से भाई साहिब शहीद बाबा जय सिंह खलकट से संबंधित पंक्तियां हटा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि महान शहीद बाबा जय सिंह खलकट का बलिदान शेष दुनिया के लिए सिख समुदाय के लिए सबसे आगे रहना चाहिए। उनके आत्म-बलिदान को इतनी जल्दी भुला देने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है। लेकिन हमें संगत को सिखी से जोड़ना है, तोड़ना नहीं।
इस समय अन्य लोगों में श्री गुरु रविदास फेडरेशन पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष सरदार राजिंदर सिंह जोधां, पूर्व सरपंच डॉ. रूपिंदर सिंह समथर, कोर कमेटी सदस्य सुखराज सिंह थरीके, गुलजारजीत सिंह लवली और मास्टर सुरिंदर सिंह प्रताप सिंह वाला, इंस्पेक्टर सरदार सिंह, सरदार ठाकुर सिंह पंच, पूर्व पंच करमजीत सिंह, सरदार रणजीत सिंह, जगजीत सिंह बिट्टू मलकपुर बेट, जीवन सिंह तलवाड़ा, बलवीर सिंह वड़च प्रताप सिंह वाला आदि भी मौजूद थे।