पीईसी (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ ने आज 1 फरवरी, 2024 को संस्थान की सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध पूर्व छात्रा - कल्पना चावला को श्रद्धांजलि अर्पित की।

चंडीगढ़: 1 फरवरी, 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ ने आज 1 फरवरी, 2024 को संस्थान की सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध पूर्व छात्रा - कल्पना चावला को उनकी 21वीं मृत्यु वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

चंडीगढ़: 1 फरवरी, 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ ने आज 1 फरवरी, 2024 को संस्थान की सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध पूर्व छात्रा - कल्पना चावला को उनकी 21वीं मृत्यु वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। PEC ने कल्पना चावला 2003 में, जो कि अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं, जिन्होंने 1982 में पीईसी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी, उनको अपने हृदय से याद किया। 21 वर्ष पहले 2003 में उनकी जान चली गई, जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही विघटित हो गया।
संस्थान के उप निदेशक, प्रो. सिबी जॉन; रजिस्ट्रार कर्नल (अनुभवी) आर. एम. जोशी; छात्र मामलों के डीन, डॉ. डी. आर. प्रजापति; डीन फैकल्टी अफेयर्स, डॉ. वसुंधरा सिंह; प्रो. राकेश कुमार, (प्रमुख एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग; प्रो. राजेश कांडा, प्रमुख पूर्व छात्र और कॉर्पोरेट संबंध; और प्रो. जिम्मी करलूपिया ने संकाय के सभी सदस्यों के साथ पूर्व छात्र कल्पना चावला को श्रद्धांजलि दी।
डॉ. राजेश कांडा, प्रमुख पूर्व छात्र एवं कॉर्पोरेट संबंध, ने भारी मन से डॉ. कल्पना चावला की शैक्षणिक और जीवन यात्रा को साझा किया। इसके साथ ही  उन्होंने कहा कि डॉ. कल्पना इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस और सपनों के क्षेत्र में हमेशा प्रेरणा बनी रहेंगी।
उप निदेशक प्रोफेसर सिबी जॉन ने डॉ. चावला को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, जैसा कि हम आजकल नारी शक्ति के बारे में बात करते हैं, इस शब्द की लोकप्रियता से पहले ही कल्पना चावला वास्तव में नारी शक्ति साबित हुई थीं। उन्होंने आगे कहा कि, वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। इसके साथ ही, उन्होंने पीईसी के सौ वर्षीय पूर्व छात्र स्वर्गीय एस. बिक्रम सिंह ग्रेवाल को भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका 31 जनवरी, 2024 (बीते कल) को निधन हो गया।
इसके अलावा, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. राकेश कुमार ने डॉ. चावला के 1962 से 2003 तक के जीवन इतिहास को साझा किया। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा शुरू करने से पहले उनका नाम मोंटू था, फिर उन्होंने अपना नाम 'कल्पना' रखा, जो कि उनकी असाधारण कल्पना व् कौशल, का  प्रतीक है।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व एचओडी प्रो. एस. सी. शर्मा, उस दौरान जब डॉ. कल्पना चावला PEC में पढ़ रही थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें आज भी वह दिन याद है जब डॉ. कल्पना ने पीईसी कैंपस में प्रवेश किया था।  वह सपनों वाली एक बहुत ही आत्मविश्वासी छात्रा थी। वह कक्षा की जागरूक संरक्षिका थीं। उन्होंने संस्थान में उसके स्नातक वर्षों के दौरान की कक्षा की कहानियाँ साझा कीं। उन्होंने यह भी कहा कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग 1981 में पहला कंप्यूटर था। उनकी लाल रंग की साइकिल इस बात का संकेत थी कि कल्पना यहां संस्थान में हैं। वह ब्लैक बेल्ट धारक थी। उन्होंने अपनी जिंदगी की कई बारीकियां साझा कीं जिनके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। 
अंत में, डॉ कल्पना चावला और सरदार बिक्रम सिंह ग्रेवाल को 2 मिनट के मौन द्वारा श्रद्धांजलि दी गई और इसके  साथ  कार्यक्रम समाप्त हुआ।