स्कूली विद्यार्थियों को नशे के प्रति जागरूक करके ही उन्हें नशे से दूर रखा जा सकता है: चमन सिंह

नवांशहर - दशा मुक्त भारत अभियान के तहत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल साहलों में नशा विरोधी जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता विद्यालय प्रधान श्रीमती अलका रानी प्राचार्या ने की. रेड क्रॉस नशा मुक्ति केंद्र धर्मशाला नवांशहर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चमन सिंह ने स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा ऐसे पदार्थ हैं जो व्यक्ति की मानसिक या शारीरिक स्थिति को बदल देते हैं। वे आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके, आप कैसा महसूस करते हैं और व्यवहार करते हैं, आपके संज्ञान और आपकी इंद्रियों को प्रभावित कर सकते हैं।

नवांशहर - दशा मुक्त भारत अभियान के तहत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल साहलों में नशा विरोधी जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता विद्यालय प्रधान श्रीमती अलका रानी प्राचार्या ने की. रेड क्रॉस नशा मुक्ति केंद्र धर्मशाला नवांशहर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चमन सिंह ने स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा ऐसे पदार्थ हैं जो व्यक्ति की मानसिक या शारीरिक स्थिति को बदल देते हैं। वे आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके, आप कैसा महसूस करते हैं और व्यवहार करते हैं, आपके संज्ञान और आपकी इंद्रियों को प्रभावित कर सकते हैं।
आज के पंजाब के युवा नशे की बुरी आदत में फंसे हुए हैं। जबकि पंजाब का इतिहास ऐसा नहीं था. नशीली दवाओं के सेवन से व्यक्ति को आर्थिक मंदी, सामाजिक घृणा का शिकार होना पड़ता है। इसके अलावा नशे का आदी व्यक्ति मानसिक रोगी बन जाता है। परिवार को मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है। नशे के आदी लोग नशे की पूर्ति के लिए डकैती जैसे अपराध भी करते हैं। उन्होंने नशा करने वालों की पहचान के लिए कई बिंदु भी साझा किए। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी नशे के खिलाफ खड़े हों और एक बेहतर समाज का निर्माण करें। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से अनुरोध किया कि स्कूली शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को नशे के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि विद्यार्थी जीवन को इस दलदल में जाने से बचाया जा सके। इस अवसर पर स्टाफ सदस्य श्रीमती डॉ. कमलजीत कौर काउंसलर ने भी अपने विचार रखे और केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि हम नशा करने वालों का बिल्कुल मुफ्त इलाज करते हैं और कोई भी मरीज हमारे नशा मुक्ति केंद्र में 30 दिनों तक मुफ्त रहता है। चार्ज से अपना निःशुल्क इलाज करा सकते हैं इस अवसर पर श्रीमती अध्यापिका अमरजीत कौर ने भी अपने विचार रखे और रेडक्रॉस नशा मुक्ति केंद्र की टीम का धन्यवाद किया। इस मौके पर स्कूल अध्यापिका सरबजीत कौर, जसविंदर कौर, हरमिंदर सिंह, हरदीप कौर, पूनम रानी, ​​मंजीत राम, बलजिंदर कुमार और स्कूल का सारा स्टाफ मौजूद था।