पीयू में दयानंद सरस्वती पर दो विशेष व्याख्यान आयोजित

Chandigarh December 21, 2023 - पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने आज 21.12.23 को स्वामी दयानन्द सरस्वती पर दो विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन किया। इन व्याख्यानों का आयोजन स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जन्मजयन्ती के उपलक्ष्य में किया गया।

Chandigarh December 21, 2023 - पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने आज 21.12.23 को स्वामी दयानन्द सरस्वती पर दो विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन किया। इन व्याख्यानों का आयोजन स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जन्मजयन्ती के उपलक्ष्य में किया गया। प्रथम व्याख्यान के वक्ता थे आगरा से आए आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री, जिनका विषय था ‘21वीं शताब्दी में दयानन्द सरस्वती की प्रासंगिकता’। द्वितीय व्याख्यान के वक्ता थे विभाग के ऐकडेमिक इंचार्ज प्रोफ़. वी. के. अलंकार, जिनका विषय था ‘दयानन्दयुगीन परिस्थितियाँ’। इन व्याख्यानों में विभाग व दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ के अध्यापकों, शोधछात्रों व छात्रों ने भाग लिया।

आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री ने अपने व्याख्यान में भारत के इतिहास में चली आईं शिक्षा पद्धतियों के विषय में बताया। उन्होंने कहा, “वैदिक गुरुकुल शिक्षा पद्धति मानवों का सर्वांगीण विकास करती है।” उन्होंने बताया कि स्वामी दयानन्द पुरुषों व महिलाओं दोनों के लिए वैदिक गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर बल देते थे। महिलाओं के अधिकारों के विषय में उन्होंने कहा, “वैदिक संस्कृति में महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा नहीं दिया गया, अपितु पुरुषों से बड़ा दर्जा दिया गया।”

विभाग के ऐकडेमिक इंचार्ज प्रोफ़. वी. के. अलंकार ने अपने व्याख्यान में बताया कि स्वामी दयानन्द के समय में शास्त्रों को लेकर बहुत असत्य बातें प्रवेश कर गयीं थी। उन्होंने कहा, “स्वामी दयानन्द ने उनका खण्डन शास्त्रीय प्रमाणों से ही किया।” प्रोफ़. अलंकार ने विशेषकर छात्राओं से स्वामी दयानन्द की पुस्तक सत्यार्थप्रकाश पढ़ने को कहा।