
बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान एवं इलाज जरूरी: सिविल सर्जन
पटियाला, 19 दिसंबर - डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब के दिशा-निर्देशों के अनुसार 12 नवंबर से फरवरी 2024 तक चलने वाले 'एसएएनएस' कार्यक्रम के तहत बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान के लिए सिविल सर्जन पटियाला डॉ. रमिंदर कौर के दिशा-निर्देशों और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. गुरप्रीत कौर ने सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और बाल रोग विशेषज्ञों को जागरूक किया।
पटियाला, 19 दिसंबर - डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब के दिशा-निर्देशों के अनुसार 12 नवंबर से फरवरी 2024 तक चलने वाले 'एसएएनएस' कार्यक्रम के तहत बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान के लिए सिविल सर्जन पटियाला डॉ. रमिंदर कौर के दिशा-निर्देशों और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. गुरप्रीत कौर ने सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और बाल रोग विशेषज्ञों को जागरूक किया।
सिविल सर्जन ने कहा कि पंजाब राज्य में "एसएएनएस" (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में निमोनिया का शीघ्र निदान और प्रभावित बच्चों का शीघ्र उपचार करना है ताकि इससे होने वाली बच्चों की मृत्यु को कम किया जा सके। निमोनिया तक. जा सकता है उन्होंने कहा कि निमोनिया छोटे बच्चों की मौत का प्रमुख कारण है और आंकड़ों के मुताबिक भारत में पांच साल तक की उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों की संख्या प्रति हजार बच्चों में से पांच है, जबकि भारत सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक इसे कम कर के तीन करना है।
उन्होंने कहा कि निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इसलिए अगर बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखें तो घरेलू इलाज में समय बर्बाद न करें और तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों से संपर्क करें। कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए कहा गया ताकि प्रभावित बच्चों की शीघ्र पहचान कर इलाज किया जा सके। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गुरप्रीत कौर ने बताया कि छोटे बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए पहले छह माह तक केवल मां का दूध पिलाना, बच्चे को गर्म रखना, पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखना, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और संपूर्ण टीकाकरण कराना जरूरी है। तथा बच्चों को पीसीवी का टीका लगवाना भी आवश्यक है जो कि 6 सप्ताह, 14 सप्ताह तथा 9 माह पर लगाया जाता है।इस अवसर पर प्रदेश से प्रशिक्षण लेकर आए बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष गर्ग ने 'एसएएनएस' कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। '
