कच्चे कुओं, बोरवेलों एवं ट्यूबवेलों की खुदाई एवं मरम्मत के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

पटियाला, 10 दिसंबर - अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पटियाला अनुप्रिता जोहल ने आपराधिक संहिता, नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुएं और बोरवेल/ट्यूबवेल खोदने, जिससे लोगों और बच्चों को नुकसान होता है।

पटियाला, 10 दिसंबर - अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पटियाला अनुप्रिता जोहल ने आपराधिक संहिता, नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुएं और बोरवेल/ट्यूबवेल खोदने, जिससे लोगों और बच्चों को नुकसान होता है। तत्काल वित्तीय नुकसान से बचने और आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बाद दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। आदेशों के अनुसार, जिला पटियाला की सीमा के भीतर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बोरवेल/ट्यूबवेल खोदने/मरम्मत करने से पहले, भूमि मालिक को जिला कलेक्टर, संबंधित सरपंच ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर परिषद, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग या भूमि रक्षा को सूचित करना होगा। विभाग द्वारा 15 दिन पहले कुआं/बोरवेल खोदने या मरम्मत करने वाली सभी सरकारी/अर्धसरकारी/निजी एजेंसियों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। ये आदेश 5 फरवरी 2024 तक जारी रहेंगे तथा आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/ड्रिलिंग एजेंसी मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार कुआं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत के स्थल पर ड्रिलिंग एजेंसी और कुआं/बोरवेल के मालिक का पूरा पता बताने वाला एक साइनबोर्ड लगाया जाना चाहिए और उस साइनबोर्ड पर ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण नंबर भी लिखा होना चाहिए।  बोरवेल को गैल्वेनाइज्ड तार से ढंकना और नट बोल्ट के साथ स्टील प्लेट कवर से ढंकना, कुएं/बोरवेल के चारों ओर सीमेंट/कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाना जरूरी होगा, जो कुएं के जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और 0.30 मीटर नीचे चारों ओर बनाया जाना चाहिए. इसके अलावा कुआं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत के बाद खाली जगह को चारों ओर मिट्टी डालकर समतल कर देना चाहिए, खाली बोरवेल/कुएं को ऊपर तक मिट्टी/रेत से भर देना चाहिए और काम पूरा होने के बाद जमीन को समतल कर देना चाहिए। पहले की तरह ही कार्य किया जाए तथा कुएं/बोरवेल को किसी भी परिस्थिति में खुला न छोड़ा जाए तथा खराब पड़े कुएं को नीचे से ऊपर तक चिकनी मिट्टी, पत्थर, कंक्रीट आदि से अच्छी तरह भरकर बंद कर दिया जाए।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की लिखित मंजूरी और पर्यवेक्षण के बिना कुआं/बोरवेल नहीं खोदेगा या मरम्मत नहीं करेगा।