
सर्दी के मौसम में मछली पालन को लेकर विशेष सावधानी बरतनी बहुत जरूरी
लुधियाना-06-दिसम्बर-2023 - मछलियाँ ठंडे खून वाली जीव हैं, इसलिए इन्हें सर्दियों में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस मौसम में उनकी बीमारियों से बचने की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे बीमारी के हमले का खतरा बढ़ जाता है।
लुधियाना-06-दिसम्बर-2023 - मछलियाँ ठंडे खून वाली जीव हैं, इसलिए इन्हें सर्दियों में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस मौसम
में उनकी बीमारियों से बचने की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे बीमारी के हमले का खतरा बढ़ जाता है।
यह जानकारी गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के कालेज आफ फिशरीज के डीन डॉ. मीरा.डी. अंसल द्वारा दी गई । उन्होंने कहा कि इस मौसम में मछली के तालाबों में पानी की ऊपरी
सतह का तापमान निचली सतह से कम होता है, इसलिए मछलियां निचले पानी में रहना चाहती हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में तालाबों का पानी स्तर कम से कम 6 फीट रखना चाहिए ताकि मछलियां पानी के नीचे गर्म सतह पर आराम से रह सकें। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और रोशनी भी कम होती है। इसलिए पानी में
ऑक्सीजन की मात्रा भी कम होती है, कभी-कभी मौसम में बादल छा जाते हैं इससे स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि ऐसे मौसम में तालाबों में ताजा पानी डालते रहें। यदि तालाबों के किनारे पेड़ हों तो उन पेड़ों की छंटाई कर देनी चाहिए तथा उनकी गिरी हुई पत्तियों को तालाब से हटाने का प्रयास करना चाहिए। यह भी देखा गया है कि कई परजीवी आदि मछलियों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह से सही दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए। प्रति एकड़ 1-2 किलो लाल दवाई डालकर तालाब को साफ
रखना चाहिए।
मछलियों की खाने की क्षमता भी कम हो जाती है और वे पूरी मात्रा में खुराक नहीं खा पाती हैं और खुराक तालाब की तली में बैठी रहती हैं, जिससे तालाब के पानी की गुणवत्ता भी ख़राब हो जाती है, इसलिए खुराक की मात्रा भी कम देनी चाहिए। यदि तापमान 10 डिग्री से नीचे चला जाए तो खुराक बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए। पानी में उगने वाली काई या वनस्पति को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए जलवाहक भी चलाना चाहिए। पानी की लवणता और अम्लता का परीक्षण भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस परीक्षण से हम पानी को संतुलित कर सकते हैं। डॉ मीरा ने कहा कि मछली पालक इन बातों का उपयोग कर मछली के स्वास्थ्य एवं उत्पादन को बरकरार रख कर अपना आर्थिक लाभ बरकरार रख सकते हैं।
