
गुरुद्वारा तप अस्थान श्री मान संत बाबा शोभा सिंह जी ग्राम लंगेरी में धनधन श्री गुरु नानक देव महाराज के प्रकाशोत्सव को समर्पित गुरमति कार्यक्रम का आयोजन किया गया
माहिलपुर, (3 दिसंबर) गुरुद्वारा तप अस्थान श्री मान संत बाबा शोभा सिंह जी, गांव लंगेरी में, लंगेरी और विदेशों से आए ग्रामीणों के सहयोग से, धनधन श्री गुरु नानक देव महाराज जी के जन्मोत्सव की खुशियों को ध्यान में रखते हुए एक धार्मिक समारोह इस तीर्थ अस्थान के मुख्य सेवादार संत बाबा बलबीर सिंह जी के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया था।
माहिलपुर, (3 दिसंबर) गुरुद्वारा तप अस्थान श्री मान संत बाबा शोभा सिंह जी, गांव लंगेरी में, लंगेरी और विदेशों से आए ग्रामीणों के सहयोग से, धनधन श्री गुरु नानक देव महाराज जी के जन्मोत्सव की खुशियों को ध्यान में रखते हुए एक धार्मिक समारोह इस तीर्थ अस्थान के मुख्य सेवादार संत बाबा बलबीर सिंह जी के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सबसे पहले श्री अखंड पाठ साहिब जी के पाठ का भोग डाला गया। उसके बाद, बाबा सोहन सिंह, भाई रपिंदर सिंह समराला और भाई पवनदीप सिंह ने भक्तों को धनधन श्री गुरु नानक देव महाराज जी की मानवतावादी विचारधारा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धनधन श्री गुरु नानक देव महाराज जी ने अपनी वाणी से पूरी मानवता को शिक्षा दी एक प्रभु के लिए लड़ लगना, महिलाओं का सम्मान करना, सभी प्रकार के नशीले पदार्थों का त्याग करना, अमृत के समय उठकर स्नान करना, नितनेम और नाम सिमरन का अभ्यास करना, बहम भरमा, अंध विश्वासों और कर्मकाण्डाँ को त्यागना, अधिक जानकार और विवेकशील बनना तथा धार्मिक, राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों से अवगत होकर, पीड़ित लोगों की सहायता करके, प्रकृति से प्रेम करना, सेवा करना, ध्यान करना तथा परोपकारी जीवन जीने का संदेश दिया है। इस मौके पर संत बाबा बलवीर सिंह लंगेरी, मनप्रीत सिंह, अमरजीत सिंह संघा, जसवीर सिंह संघा, सुखदेव सिंह संघा, गुरदीप सिंह संघा, सरवन सिंह संघा, केवल सिंह, जसकरण सिंह, मनवीर सिंह, जसविंदर कौर, सुखदेव सिंह पूर्व सरपंच, जसवीर कौर, गुरजीत कौर सरपंच, हरमनजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह, इंदरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह संघा, बलविंदर कौर, कुलविंदर कौर, हरप्रीत सिंह, कुलवीर सिंह, नवदीप सिंह, सुखदेव सिंह, गुरदेव सिंह, अमृतपाल सिंह और गांव लंगेरी के लोग मौजूद थे इस अवसर पर संत बाबा बलवीर सिंह ने कार्यक्रम में सहजोगी संगतों को सिरोपा देकर सम्मानित किया।
