विश्व पंजाबी सभा कनाडा के दुबई सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के 7 विशेषज्ञों ने पंजाबी भाषा के विस्तार के लिए पत्रक प्रस्तुत किए।

दुबई, 6 अक्टूबर - विश्व पंजाबी सभा कनाडा के अध्यक्ष डाॅ. दलबीर सिंह कथूरिया के नेतृत्व में पहला दो दिवसीय विश्व पंजाबी सम्मेलन दुबई के दुरहिया में आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर से 100 से अधिक पंजाबी मातृभाषा प्रेमियों ने भाग लिया।

दुबई, 6 अक्टूबर - विश्व पंजाबी सभा कनाडा के अध्यक्ष डाॅ. दलबीर सिंह कथूरिया के नेतृत्व में पहला दो दिवसीय विश्व पंजाबी सम्मेलन दुबई के दुरहिया में आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर से 100 से अधिक पंजाबी मातृभाषा प्रेमियों ने भाग लिया।
विश्व पंजाबी सभा के अध्यक्ष डाॅ. दलबीर सिंह कथूरिया ने हर वर्ग के विशेषज्ञों से पंजाबी मातृभाषा की समृद्धि के लिए ठोस प्रयास करने के लिए आगे आने की अपील की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि बोली को लेकर चिंताओं से परे सोचने की जरूरत है. कार्यक्रम के पहले दिन का सत्र पैम्फलेट वाचन और दूसरे दिन का सत्र कवि दरबार, सार्थक चर्चा, नाटक, गिद्दा, लोक संगीत और प्रश्नोत्तरी सत्र को समर्पित रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर मंजीत इंदिरा, डॉ. गजलगो ने की। गुरचरण कोचर, सुखी बाथ, संधू वरयानवी, मियां आसिफ, परमजीत कौर लॉन्डर और अन्य ने भाग लिया और अपने पेपर पढ़े।
सम्मेलन के दौरान डाॅ. सुरजीत सिंह साधधर ने मातृभाषा के विस्तार के लिए प्रयास तेज करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें सबसे पहले भाषा के संरक्षण, विस्तार और महत्ता को पहचानना होगा। सतविंदर सिंह धड़क ने मानव जीवन में मातृभाषा के महत्व विषय पर पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि क्षेत्रीय शब्दों का खत्म होना ही मातृभाषा के विलुप्त होने का कारण है। लहिंदे पंजाब से एडवोकेट रशीद अहमद ने पंजाब के लोगों को पंजाबी भाषा के बदलते स्वरूप के बारे में आगाह किया और कॉरिडोर खुलने पर भी धार्मिक स्थलों पर निर्धारित संख्या से कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। कंवलदीप कौर पटियाला ने भाषा की गिरावट पर अपने विचार साझा करते हुए मातृभाषा को बचाने के लिए घर से ही प्रयास शुरू किए और जोर दिया। इसी तरह भारत की राष्ट्रपति बलबीर कौर रायकोटी ने अन्य भाषाओं के शब्दों को पंजाबी की मातृभाषा का उपहार बताया। गुरमिंदर पॉल सिंह अहलूवालिया ने सभी पंजाबियों को मातृभाषा के विस्तार के लिए आगे आने का निमंत्रण दिया। इसी तरह संजीवन सिंह, बलजीत बल्ली, संदीप कौर चीमा, गुरप्रीत कौर व अन्य ने मातृभाषा के प्रति जागरूक रहने व भाषाई प्रेम बढ़ाने पर जोर दिया।
मंच संचालन सचिव गुरमिंदर सिंह वालिया ने किया।