खरड़, 5 सितंबर (शमिंदर सिंह) टी. एस. यू., ठेका कामगारों और पेंशनरों ने आज सरकार द्वारा लागू किए गए असमान कानून के खिलाफ सरकार का आर्थिक फूंक-मुझाहिरा किया। इस मौके पर टेक्निकल सर्विसेस यूनियन सरकल के प्रमुख दविंदर सिंह, जगदीप सिंह, शिव राम, और ठेका मुलाज़म संघर्ष मोर्चा पंजाब के सूबा प्रधान बलीहार सिंह, अजे कुमार और केसर सिंह पेंशनर एसोसिएशन के करम चंद और हरभजन सिंह जगदीश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मेहनतकश लोगों के हक के संघर्षों को कुचलने की नीति के खिलाफ काले कानून 'ऐसमां' के खिलाफ पूरे पंजाब में तहसीलों, जिलों, शहरों, और कस्बों में पंजाब सरकार की आर्थिकियों को फूंक कर रोश मुझाहिरे किए जा रहे हैं।
खरड़, 5 सितंबर (शमिंदर सिंह) टी. एस. यू., ठेका कामगारों और पेंशनरों ने आज सरकार द्वारा लागू किए गए असमान कानून के खिलाफ सरकार का आर्थिक फूंक-मुझाहिरा किया। इस मौके पर टेक्निकल सर्विसेस यूनियन सरकल के प्रमुख दविंदर सिंह, जगदीप सिंह, शिव राम, और ठेका मुलाज़म संघर्ष मोर्चा पंजाब के सूबा प्रधान बलीहार सिंह, अजे कुमार और केसर सिंह पेंशनर एसोसिएशन के करम चंद और हरभजन सिंह जगदीश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मेहनतकश लोगों के हक के संघर्षों को कुचलने की नीति के खिलाफ काले कानून 'ऐसमां' के खिलाफ पूरे पंजाब में तहसीलों, जिलों, शहरों, और कस्बों में पंजाब सरकार की आर्थिकियों को फूंक कर रोश मुझाहिरे किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने खरड़ बिजली कार्यालय में एकत्रित होकर विरोध रैली करने के बाद उन्हें बस स्टैंड खरड़ में सरकार का विरोध करने और आगे के संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए आमंत्रित किया। नेताओं ने कहा कि पंजाब के नियमित, आउटसोर्स/भर्ती अनुबंध कर्मचारियों सहित पूरा कर्मचारी वर्ग केंद्र और राज्य सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के हमले के अधीन है और यह सब कॉर्पोरेट समर्थक लूट और लाभ प्रेरित नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि एक ओर स्थायी कार्य क्षेत्र में स्थायी नियोजन की नीति को रद्द कर आउटसोर्स एवं भर्ती संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है तथा वेतन कानून में संशोधन कर संविदा कर्मियों को बेरहमी से लूटा जा रहा है और दूसरी ओर स्थायी भर्ती पर रोक लगा कर लूट-पाट की आवश्यकता के अनुसार परिवीक्षा अवधि को बढ़ाकर, उच्च योग्य कर्मचारियों को निचले पदों पर भर्ती किया जा रहा है और उन्हें कम वेतन और अतिरिक्त काम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस लूट के खिलाफ नियमित व ठेका कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे लगातार संघर्षों से सबक लेने की बजाय कर्मचारियों की मांगों का बातचीत के जरिए हल निकालने की बजाय पुलिसिया जबरदस्ती व जबरदस्ती 'एस्मा' जैसे काले कानून का इस्तेमाल कर रही है। सभी नियमित और अनुबंध को नुकसान पहुंचाने के लिए कर्मचारियों के विरोध करने के अधिकार को खत्म करने की राह पर है। नेताओं ने कहा कि आज के संघर्ष का आह्वान सरकार को केवल यह याद दिलाने वाला है कि वह जोर-जबरदस्ती और धोखे का रास्ता छोड़कर कॉर्पोरेट समर्थक सेवा का रास्ता छोड़ कर कर्मचारियों की मांगों को हल करे, अगर पंजाब सरकार ने इस संघर्ष से सबक नहीं लिया और सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो प्रतिक्रिया। इसलिए आने वाले दिनों में संघर्ष का दायरा बढ़ाया जाएगा और संघर्ष को और तेज किया जाएगा। जिसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।