"PEC ने उद्योग विशेषज्ञों के साथ विश्व इंटरेक्शन डिज़ाइन दिवस 2024 मनाया, जिसमें डिज़ाइन के भविष्य को आकार देने में AI की भूमिका पर चर्चा की गई"

चंडीगढ़, 23 सितंबर 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के प्रोडक्शन और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के तहत चल रहे बी.डिज़ाइन प्रोग्राम ने School of Experience, Illusion & Learning (Sxill) और चंडीगढ़ डिज़ाइन स्कूल के सहयोग से वर्ल्ड इंटरेक्शन डिज़ाइन डे 2024 (IXDA) का जश्न मनाने के लिए एक विशेष प्री-इवेंट का आयोजन किया। इस साल की थीम 'Add New Dimensions' रही।

चंडीगढ़, 23 सितंबर 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के प्रोडक्शन और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के तहत चल रहे बी.डिज़ाइन प्रोग्राम ने School of Experience, Illusion & Learning (Sxill) और चंडीगढ़ डिज़ाइन स्कूल के सहयोग से वर्ल्ड इंटरेक्शन डिज़ाइन डे 2024 (IXDA) का जश्न मनाने के लिए एक विशेष प्री-इवेंट का आयोजन किया। इस साल की थीम 'Add New Dimensions' रही।
इस कार्यक्रम में PEC के निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया, रजिस्ट्रार कर्नल आर.एम. जोशी, श्री विनीत राज कपूर, श्री अनिल सिवाच, डॉ. चेतन मित्तल, और सुश्री सोनाली अग्रवाल सहित प्रो. आर.एम. बेलोकर और प्रो. आर.एस. वालिया मौजूद थे। यह इवेंट "इंडस्ट्री-अकादमिक एक्सपर्ट लेक्चर वीक" का हिस्सा था, जिसे डॉ. जिमी कारलूपिया और डॉ. मोहित त्यागी द्वारा समन्वित किया गया था।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ डिज़ाइन स्कूल और SXILL जैसे संस्थानों से भी कई प्रतिभागियों ने पैनल चर्चा में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत PEC के निदेशक प्रो. राजेश भाटिया के विचारों से हुई, जिन्होंने PEC के 103 साल के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंटरएक्टिव डिजाइन की बढ़ती महत्ता पर जोर देते हुए, इस कार्यशाला के आयोजन के लिए विभाग की सराहना की और सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रोडक्शन और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख, प्रो. आर.एम. बेलोकर ने डिज़ाइन स्किल्स के भविष्य पर अपनी राय साझा की। उन्होंने बताया कि डिज़ाइन स्किल्स की आवश्यकता इंजीनियरिंग, विज्ञापन, मार्केटिंग, मटीरियल्स और आर्किटेक्चर जैसे विविध क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है।
Sxill और चंडीगढ़ डिज़ाइन स्कूल के संस्थापक और निदेशक, श्री विनीत राज कपूर ने इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुभवों को साझा करते हुए डिज़ाइन के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात की। उन्होंने प्रतिभागियों को समस्याओं पर गहराई से सोचने और रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने हर दिन अपने कौशल को बढ़ाने और सहकर्मी सीखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने चंडीगढ़ डिज़ाइन स्कूल द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. चेतन मित्तल ने भारत में विशेष रूप से प्रोडक्ट डिज़ाइन में डिज़ाइन और स्किल गैप्स पर चर्चा की। उन्होंने समस्या को स्पष्ट रूप से समझने और लागत प्रभावी समाधान खोजने पर जोर दिया, जो ग्राहकों की क्षमता के अनुकूल और लाभकारी हों। इसके साथ ही, उन्होंने मटीरियल्स की गहरी समझ और उनके स्थायी इनोवेशन में योगदान की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पूर्व प्रमुख डिज़ाइनर, Yatra.com, श्री अनिल सिवाच ने डिजाइन में जनरेटिव एआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे एआई कार्यों को स्वचालित करके उत्पादकता बढ़ाता है और डिजाइन को अधिक सुलभ बनाता है। उन्होंने एआई को डिज़ाइनरों का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि सहायक बताया, जो तेजी से नॉलेज एक्सेस में मदद करता है।
पूर्व को-फाउंडर MobiKwik, सुश्री सोनाली अग्रवाल ने इंडस्ट्री में डिजाइन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और प्रोडक्ट ऑप्टिमाइजेशन की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने युवा डिज़ाइनरों को बेहतर डिज़ाइन के लिए फीडबैक लेने की सलाह दी और यह भी स्पष्ट किया कि एआई मानव रचनात्मकता की पूरी तरह से जगह नहीं ले सकता।
कार्यक्रम का समापन एआई के डिजाइन इंडस्ट्री में बढ़ते प्रभाव पर एक पैनल चर्चा के साथ हुआ। पैनलिस्टों ने सर्वसम्मति से माना कि एआई तेज़ प्रोसेसिंग क्षमताओं के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ाता है, लेकिन यह मानव की अनोखी सोच का विकल्प नहीं हो सकता। छात्रों ने भी इस चर्चा में सक्रिय भाग लिया और विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सवाल पूछे।
अंत में, प्रो. आर.एस. वालिया ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस इवेंट में PIED, PEC के डॉ. जसविंदर सिंह, डॉ. गुरप्रीत सिंह, डॉ. वैभव और डॉ. शगुन भी उपस्थित थे।