
पंजाब विश्वविद्यालय के अनेक वैज्ञानिकों को मिले विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और नवीकरणीय ऊर्जा, चंडीगढ़ प्रशासन से अनुसंधान अनुदान
चंडीगढ़, 20 सितंबर, 2024- पंजाब विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को चंडीगढ़ प्रशासन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा अक्षय ऊर्जा से संबंधित परियोजनाओं के लिए सबसे अधिक अनुदान प्राप्त हुए है। ये अनुदान क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने वाली विभिन्न शोध परियोजनाओं के लिए प्रदान किए गए हैं।
चंडीगढ़, 20 सितंबर, 2024- पंजाब विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को चंडीगढ़ प्रशासन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा अक्षय ऊर्जा से संबंधित परियोजनाओं के लिए सबसे अधिक अनुदान प्राप्त हुए है। ये अनुदान क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने वाली विभिन्न शोध परियोजनाओं के लिए प्रदान किए गए हैं।
बायोकैमिस्ट्री विभाग के प्रो. रजत संधीर को खाद्य तेलों की गुणवत्ता का आकलन करने और उनमें मिलावट का पता लगाने के लिए एक परियोजना सौंपी गई है, जो मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग के प्रो. नवीन गुप्ता को सुखना झील का वास्तविक समय में पारिस्थितिक मूल्यांकन करने के लिए अनुदान मिला है, जिसका उद्देश्य झील में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करना है। उन्होंने पहले भी चंडीगढ़ के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के साथ अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी परियोजनाओं पर काम किया है।
प्रो. शैलेंद्र कुमार आर्य, डॉ. गर्गी घोषाल और डॉ. अवनीत सैनी को अन्य अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएँ में अनुसंधान परियोजना मिली हैं । इन परियोजनाओं का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करना है, जैसे कि आरा छीलन से इको-फ्रेंडली इथेनॉल का उत्पादन, किन्नू के अपशिष्ट का उपयोग और बायोडिग्रेडेबल एंटीमाइक्रोबियल पैकेजिंग का निर्माण।
चिकित्सा अनुसंधान से संबंधित अनुदान डॉ. सर्वनरिंदर कौर, डॉ. नवीन कौशल और डॉ. मैरी चटर्जी को दिए गए हैं, जो स्तन कैंसरजनन, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और प्रोस्टेट कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं पर अध्ययन करेंगे।
