पंजाबी साहित्य सभा की बैठक प्रधान जसबीर सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुई

होशियारपुर - पंजाबी साहित्य सभा होशियारपुर (रजि.) की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रधान जसबीर सिंह धीमान की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सभा के सभी सदस्यों ने भाग लिया। महासचिव डॉ. जसवन्त राय ने बैठक में शामिल हुए नए विद्यार्थियों को सभा के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय पंजाबी लेखक संघ से पंजीकृत पंजाबी साहित्य सभा होशियारपुर 1969 से साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ी हुई है।

होशियारपुर - पंजाबी साहित्य सभा होशियारपुर (रजि.) की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रधान जसबीर सिंह धीमान की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सभा के सभी सदस्यों ने भाग लिया। महासचिव डॉ. जसवन्त राय ने बैठक में शामिल हुए नए विद्यार्थियों को सभा के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय पंजाबी लेखक संघ से पंजीकृत पंजाबी साहित्य सभा होशियारपुर 1969 से साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ी हुई है।
 इस अवसर पर उन्होंने सभा के सभी सदस्यों का परिचय कराया तथा उनकी साहित्यिक गतिविधियों से परिचित कराया। इसके बाद के कार्यों के दौर में डॉ. शमशेर मोही, हरदयाल होशियारपुरी, सुरिंदर कांगवी, तीर्थ चंद सरोआ, हरविंदर साबी, लेक्चरर लखविंदर राम, डिप्टी कमांडर मनिंदर सिंह हीरा, प्रिंसिपल गुरदयाल सिंह फूल, जसवंत सिंह ने ग़ज़लें, कविताएं सुनाकर अच्छी छाप छोड़ी।  डॉ. जसवन्त रॉय ने 'एक बत्ती वाला मीटर', डॉ. दर्शन सिंह ने 'अले प्या चिराग', सतीश कुमार 'प्रशाद' और भूपिंदर कौर ने 'गुलाबी रंग' कहानियाँ पढ़ीं।
सुप्रसिद्ध कथाकार तृप्ता के सिंह ने पढ़ी गई कहानियों पर अपनी राय देते हुए कहा कि सभी कहानियाँ सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई हैं और उनमें पाठक को अपने साथ जोड़े रखने की अद्भुत क्षमता है। सभी कहानीकारों को मेरी शुभकामनाएँ। इस मौके पर जीबीसी चैनल के जितेंद्र प्रिंस और पत्रकार चीमा ने साहित्य सभा के पूरे समारोह की रिकॉर्डिंग की. सभा के अध्यक्ष जसबीर सिंह धीमान ने प्रस्तुति पर अपनी भावपूर्ण टिप्पणियाँ दीं तथा आये हुए साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ.जसवंत रॉय ने मंच संचालन बहुत अच्छे से किया। इस मौके पर डॉ. करमजीत सिंह, डॉ. अजीत सिंह जबल, अनहदनाद कौर और रवनूर कौर मौजूद थे।