'पशु पालन मेला' गुणवत्तापूर्ण पशुधन उत्पाद बनाने के संदेश के साथ संपूर्ण हुआ

लुधियाना-14-सितम्बर-2024- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'पशुपालन मेला' आज पशुपालन में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करके मुनाफा बढ़ाने के संदेश के साथ संपन्न हुआ। मेले में बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई और नई तकनीकों को सीखने में रुचि दिखाई। आज दूसरे दिन समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. कमल कुमार गर्ग, अतिरिक्त सचिव, पंजाब सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। पंजाब के डेयरी विकास विभाग के निदेशक कुलदीप सिंह विशेष अतिथि थे।

लुधियाना-14-सितम्बर-2024- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'पशुपालन मेला' आज पशुपालन में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करके मुनाफा बढ़ाने के संदेश के साथ संपन्न हुआ। मेले में बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई और नई तकनीकों को सीखने में रुचि दिखाई। आज दूसरे दिन समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. कमल कुमार गर्ग, अतिरिक्त सचिव, पंजाब सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। पंजाब के डेयरी विकास विभाग के निदेशक कुलदीप सिंह विशेष अतिथि थे।
  समारोह की अध्यक्षता वेटरनरी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल ने की और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उत्पादन करके मुनाफे को 25 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है डॉ गिल ने कृषक समुदाय से कहा कि वैज्ञानिक आपके एक आह्वान पर आपके साथ खड़े हैं, इसलिए आगे बढ़ें और कृषि संस्कृति के पुराने गौरव को बहाल करें।
  डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि हमारे कुछ विभाग पशुपालन से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं जबकि कुछ विभाग पशु उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर नए उत्पाद कैसे तैयार किए जाएं, इसका प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के काम से घर बैठे अच्छी कमाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इन व्यवसायों की यह भी विशेषता है कि इन्हें महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि सजावटी मछली, मछली एक्वेरियम, बोतलबंद स्वादयुक्त दूध, लस्सी, पनीर, मांस और अंडे के अचार, कोफ्ते, पैटीज़, बॉल्स और मछली कीमा और विभिन्न प्रकार के दूध, मांस और विभिन्न उत्पादों से विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं। कालेज आफ डेयरी एवं फूड साइंस टैकनालोजी, कालेज आफ फिशरीज और पशुधन उत्पाद और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किए गए उत्पाद प्रदर्शित किए गए। डॉ बराड़ ने कहा कि पशुपालकों ने पशुपालन व्यवसायों को बेहतर बनाने और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने में अच्छी रुचि दिखाई है।
  विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को अपना ज्ञान और जानकारी प्रदान की है। पशु आहार विभाग ने पशुओं के उचित आहार के लिए कई नई तकनीकें जैसे बाईपास वसा, पशु चाट और धातु चूरा आदि विकसित की हैं। पशुपालकों को पशु आहार तैयार करने की संतुलित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी गई। पशु प्रजनन विभाग ने पशुओं के न रुकने, बार-बार फिर जाने आदि जटिलताओं के बारे में जानकारी दी और इन समस्याओं पर नियंत्रण के लिए जागरूक किया।  फिशरीज कॉलेज ने विभिन्न प्रकार की कृषि योग्य मछलियों जैसे कार्प मछली, कैट फिश, झींगा मछली और सजावटी मछली का प्रदर्शन किया। कालेज आफ डेयरी एवं फूड साइंस टैकनालोजी द्वारा दूध की गुणवत्ता बढ़ाकर तैयार किये जाने वाले मीठे एवं नमकीन लस्सी, दूध, पनीर, बर्फी एवं अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यूनिवर्सिटी का सेंटर फॉर वन हेल्थ द्वारा जनता और पालतू जानवरों के मालिकों को जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों के बारे में बताया गया ।
  पशु स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने वाले विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा अस्पताल के विशेषज्ञों ने पशुपालकों को बताया कि वे किसी भी प्रकार की स्कैनिंग, ऑपरेटिव, क्लिनिकल या ड्रग परीक्षण में मदद ले सकते हैं। विश्वविद्यालय के प्रकाशन 'डेयरी फार्मिंग', 'पशु स्वास्थ्य देखभाल और पालन अनुशंसाएँ', मासिक पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' भी किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र थे।
  इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई अनेक पुस्तकें एवं प्रकाशन महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा जनता के समक्ष प्रस्तुत किये गये। इनमें 'सुअर की संभाल ', 'मछली और झींगा गुणवत्ता उत्पाद', 'किसान उत्पादक संगठन', 'पंजाब में लाभदायक बकरी पालन' और एक वीडियो फिल्म 'अज़ोला खेती और इसकी आर्थिक उपयोगिता' जनता के सामने प्रस्तुत की गईं। किसान उद्यमी द्वारा बकरी के दूध से तैयार की गई पिन्नियां भी लोकार्पण की गईं।
  विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, दवाइयों, मशीनरी, पंजाब सरकार के पशुपालन विभागों और विश्वविद्यालय के सहयोग से काम करने वाले संगठनों के 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉलों में पारस न्यूट्रिशन प्रा. लिम. प्रथम, ओलंपिक ओवरसीज, द्वितीय, एस. वेल इंजीनियरिंग तीसरे स्थान पर रही जबकि अनाया फीड प्राइवेट लिमिटेड प्रोत्साहन स्थान पर रही। विश्वविद्यालय श्रेणी में, कालेज आफ फिशरीज को प्रथम पुरस्कार, पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग को द्वितीय पुरस्कार, कालेज आफ डेयरी एवं फूड साइंस टैकनालोजी को तृतीय पुरस्कार और सेंटर फॉर वन हेल्थ को सांत्वना पुरस्कार मिला। कृषि विज्ञान केंद्र बूह को सबसे अधिक धातु चूरा बेचने के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ कमल कुमार गर्ग, श्री कुलदीप सिंह, डॉ राजेश कसरीजा, डॉ. प्रणव कुमार सिंह, डॉ केवल अरोड़ा, किसान हरेराम, सिवान, (बिहार) एवं इश्मीत सिंह संगीत संस्थान को पुरस्कृत किया गया।
  पशुपालन मेला पशुपालन को अधिक व्यवहार्य और आर्थिक रूप से लाभदायक व्यवसाय बनाने के संदेश के साथ संपन्न हुआ।