सुप्रीम कोर्ट खनिजों पर रॉयल्टी और बकाया टैक्स की वसूली को लेकर राज्यों की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है

नई दिल्ली, 11 सितंबर- सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि वह केंद्र और खनिज कंपनियों से हजारों करोड़ रुपये के खनिज अधिकार और खनिज वाली भूमि से रॉयल्टी और बकाया कर की वसूली के सन्दर्भ में झारखंड जैसे खनिज समृद्ध राज्यों की कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन किया जाएगा।

नई दिल्ली, 11 सितंबर- सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि वह केंद्र और खनिज कंपनियों से हजारों करोड़ रुपये के खनिज अधिकार और खनिज वाली भूमि से रॉयल्टी और बकाया कर की वसूली के सन्दर्भ में झारखंड जैसे खनिज समृद्ध राज्यों की कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने 25 जुलाई को 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया था कि खनिज अधिकारों पर कर लगाने का विधायी अधिकार संसद के पास नहीं बल्कि राज्यों के पास है। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को अपने एक फैसले में साफ कर दिया था कि इस फैसले का कोई संभावित प्रभाव नहीं पड़ेगा और राज्यों को अप्रैल 2005 से 12 वर्षों की अवधि में खनन अधिकारों और खनिज-युक्त भूमि पर केंद्र और खनन कंपनियों से हजारों करोड़ रुपये की रॉयल्टी और बकाया कर वसूलने की अनुमति दी।
झारखंड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी की अपील पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "मैं याचिकाओं को सुनवाई के लिए विशेष रूप से (संवैधानिक) पीठ के किसी एक न्यायाधीश को सौंपना चाहूंगा।"