
डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय एक बार फिर एक पाकिस्तानी समेत चार लोगों के लिए मसीहा बन गए
पटियाला, 27 दिसंबर - अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर देश-विदेश में जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर पहुंचे, जनसेवा की नई मिसाल कायम करते हुए प्रख्यात व्यवसायी डॉ. एसपी सिंह ओबराय की बदौलत एक भारतीय और तीन पाकिस्तानी युवकों को दी फांसी की सज़ा माफ़ी की उम्मीद पक्की है।
पटियाला, 27 दिसंबर - अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर देश-विदेश में जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर पहुंचे, जनसेवा की नई मिसाल कायम करते हुए प्रख्यात व्यवसायी डॉ. एसपी सिंह ओबराय की बदौलत एक भारतीय और तीन पाकिस्तानी युवकों को दी फांसी की सज़ा माफ़ी की उम्मीद पक्की है।
इन चारों युवकों को साल 2019 में शारजाह में एक और भारतीय युवक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इन युवाओं में भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले गुरप्रीत सिंह और पाकिस्तानी पंजाब से ताल्लुक रखने वाले राव मुहम्मद आदिल, राणा ताबिश राशिद और आदिल जावेद चीमा शामिल हैं। गुरदासपुर जिले के गुरप्रीत सिंह के परिवार ने सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की अमृतसर इकाई से संपर्क करने के बाद डॉ. एसपी ओबेरॉय ने इस मामले को आगे बढ़ाना शुरू किया. दो साल की सुनवाई के बाद शारजाह कोर्ट ने इन चारों युवकों को मौत की सजा सुनाई. मारे गए युवक के माता-पिता से लंबे समय तक संपर्क करने के बाद, डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय उन्हें ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए मनाने में कामयाब रहे। इस समझौते के बाद शारजाह कोर्ट में जजों की मौजूदगी में डॉक्टर ओबेरॉय ने पीड़ित परिवार को ब्लड मनी के तौर पर 2 लाख ड्राम (करीब 46 लाख भारतीय रुपये) मृतक युवक की पत्नी और भाई को सौंपे और ये रकम माननीय न्यायाधीश के आदेश के अनुसार 5 भागों में बांटकर, आरोपी युवकों की फांसी की सजा माफ करने के लिए मृतक के परिवार से मंजूरी ली गई। इस मामले को लेकर डॉ. उबरई ने कहा कि शारजाह कोर्ट ने अब अंतिम फैसला देने के लिए अगली सुनवाई 22 जनवरी 2024 तय की है और उस दिन इन युवाओं की रिहाई की पूरी संभावना है. गौरतलब है कि शरिया कानून के मुताबिक अगर दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद ब्लड मनी कोर्ट में जमा करने की इजाजत मिल जाती है तो समझ लीजिए कि फांसी माफ होनी तय है. डॉ. उबराय ने विदेशों और खासकर खाड़ी देशों में रोजगार की तलाश में आने वाले युवाओं से किसी भी तरह के अपराध से दूर रहने की भी अपील की। शारजाह कोर्ट में ब्लड मनी लेने के आरोपी चारों युवकों की मौत की सजा माफ करने पर सहमति बनने के बाद आरोपी भारतीय और पाकिस्तानी युवकों के परिवारों ने भी डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय को धन्यवाद दिया और उनसे बच्चों की सुरक्षा के लिए राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठने , एक जीवन बचाने वाला देवदूत कहा जाता है. यहां बता दें कि सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. ओबेरॉय के प्रयासों से 2010 से अब तक 129 लोगों को फांसी या 45 साल तक की लंबी सजा से रिहा किया जा चुका है।
