बड़े आंदोलन चलाने के लिए संघर्ष हमेशा झुग्गियों, झोपड़ियों से आते हैं - बेगमपुरा टाइगर फोर्स

होशियारपुर - गमपुरा टाइगर फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना और राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मपाल साहनेवाल के निर्देशानुसार फोर्स की एक बैठक फोर्स के जिला अध्यक्ष हैप्पी फतेहगढ़ की अध्यक्षता में फोर्स के मुख्य कार्यालय मोहल्ला भगत नगर होशियारपुर में हुई। बैठक में धाकड़ एवं जांबज प्रदेश अध्यक्ष बीरपाल ठरोली एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश शेरगढ़ विशेष रूप से शामिल हुए, बैठक में बोलते हुए नेताओं ने कहा कि भारत का 85 प्रतिशत एससी समाज सदियों से हजारों जातियों में बंटा हुआ है.

होशियारपुर - गमपुरा टाइगर फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना और राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मपाल साहनेवाल के निर्देशानुसार फोर्स की एक बैठक फोर्स के जिला अध्यक्ष हैप्पी फतेहगढ़ की अध्यक्षता में फोर्स के मुख्य कार्यालय मोहल्ला भगत नगर होशियारपुर में हुई। बैठक में धाकड़ एवं जांबज प्रदेश अध्यक्ष बीरपाल ठरोली एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश शेरगढ़ विशेष रूप से शामिल हुए, बैठक में बोलते हुए नेताओं ने कहा कि भारत का 85 प्रतिशत एससी समाज सदियों से हजारों जातियों में बंटा हुआ है.
 इसीलिए देश के महान नेताओं बाबू मंगू राम मुगोवालिया, महात्मा जोतिबा फुले, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, बाबू कांशीराम द्वारा समय-समय पर शुरू किए गए आंदोलन मंजिल पर पहुंचने से पहले ही बिखरते चले गए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक या संदेह नहीं है कि देश के नेताओं द्वारा छेड़े गए बड़े संघर्ष को नष्ट करने में उनके ही समाज के कुछ लालची और स्वार्थी लोगों ने बड़ा योगदान रहा है। लेकिन आज भी समाज के हितों के लिए लड़ने वाले शिक्षित बौद्धिक योद्धा अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय अनुसूचित जाति समाज के लिए कई चुनौतियों से भरा होगा, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक वंचित करने की व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए सभी एससी समाज को एक मंच पर आकर संवैधानिक अधिकारों को हासिल करने और संविधान की रक्षा के लिए साझा संघर्ष शुरू करना चाहिए। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो विधायक, सांसद या अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी बार-बार आरक्षण का लाभ ले चुके हैं, वे आरक्षण के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन नहीं करते, बल्कि बेरोजगार युवा आंदोलन करते हैं. या केवल दिहाड़ी मजदूर ही सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं और पुलिस की लाठियां खा रहे हैं। क्योंकि आंदोलन चलाने का संघर्ष हमेशा झुग्गी-झोपड़ियों से आता है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग को एक-दूसरे का विरोध छोड़कर एक मंच पर आकर समाज के हितों के लिए साझा लड़ाई लड़नी चाहिए, ताकि आने वाली जातियों को शिक्षा के साथ-साथ नौकरियों में भी उनका वाजिब हक मिल सके। अंत में उन्होंने कहा कि बेगमपुरा टाइगर फोर्स से निष्कासित कुछ शरारती तत्व बेगमपुरा टाइगर फोर्स के नाम पर सरकार और लोगों को गुमराह कर रहे हैं. जबकि बेगमपुरा टाइगर फोर्स एक रजि. एक संगठन है इसलिए ऐसे शरारती तत्वों से बचना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इन लोगों का बेगमपुरा टाइगर फोर्स से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है.
इस मौके पर अन्यों के अलावा राज कुमार बधान, नारा, सन्नी सेना, भिंदा सेना, बंटी बसी वाहद, जस्सा सिंह नंदन, हरभजन सरोआ, राहुल ढाढा, अमनदीप, मुनीश, चरणजीत ढाढा, कमलजीत ढाढा, राम जी, देविंदर कुमार, पम्मा ढाढा, गोगा मांझी, अमनदीप सिंह, मनीष कुमार, चरणजीत सिंह, कमलजीत सिंह, ज्ञान चंद, शेरा सिंह, दविंदर कुमार, मंगा शेरगढ़, बलविंदर सिंह, लाडी शेरगढ़, सोनू बांग्ला छावनी, अनमोल माझी, रवि सुंदर नगर, बाली फतेहगढ़, दिलबाग फतेहगढ़, अजय बस्सी आदि उपस्थित थे।