भाषा विभाग ने 'पंजाबी कंप्यूटर विज्ञान और मशीन इंटेलिजेंस' पर एक कार्यशाला का आयोजन किया

पटियाला, 27 अगस्त - भाषा विभाग के निदेशक जसवन्त सिंह जफर के नेतृत्व में 'पंजाबी कंप्यूटिंग और मशीन इंटेलिजेंस' पर अपनी तरह की पहली कार्यशाला आयोजित की गई। प्रख्यात कंप्यूटर विशेषज्ञ और पंजाबी भाषा के कंप्यूटरीकरण के लिए लंबे समय से काम कर रहे डॉ. सीपी कंबोज ने विभिन्न तकनीकी बिंदुओं के बारे में व्यावहारिक जानकारी साझा की। उनकी टीम में सुरिंदर सिंह, मनिंदर सिंह और ज्योति कौर शामिल थे।

पटियाला, 27 अगस्त - भाषा विभाग के निदेशक जसवन्त सिंह जफर के नेतृत्व में 'पंजाबी कंप्यूटिंग और मशीन इंटेलिजेंस' पर अपनी तरह की पहली कार्यशाला आयोजित की गई। प्रख्यात कंप्यूटर विशेषज्ञ और पंजाबी भाषा के कंप्यूटरीकरण के लिए लंबे समय से काम कर रहे डॉ. सीपी कंबोज ने विभिन्न तकनीकी बिंदुओं के बारे में व्यावहारिक जानकारी साझा की। उनकी टीम में सुरिंदर सिंह, मनिंदर सिंह और ज्योति कौर शामिल थे। 
इस कार्यशाला में भाषा विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के अलावा पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहे अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। भाषा विभाग के निदेशक जसवन्त सिंह जफर ने अपने स्वागत भाषण में कार्यशाला के स्वरूप एवं लक्ष्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा को आज के डिजिटल युग के अनुकूल बनाने के लिए काफी प्रयासों की जरूरत है। इसी के तहत भाषा विभाग ने पंजाबी भाषा को मशीन इंटेलिजेंस में स्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। चार सत्रों की कार्यशाला के दौरान डॉ. सीपी कंबोज ने पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कंप्यूटर और फोन के उपयोग, पंजाबी फॉन्ट और भाषा से संबंधित सॉफ्टवेयर के सही और कुशल उपयोग, पंजाबी साहित्य और अन्य संबंधित सामग्रियों के डिजिटलीकरण पर विभिन्न व्याख्यान सत्र के दौरान प्रोजेक्टर की मदद से भाषा के लिए बहुमूल्य जानकारी साझा की गई।
 इस अवसर पर डॉ. कंबोज ने कहा कि भाषा विभाग ने इस कार्यशाला के माध्यम से एक बेहतरीन शुरुआत की है। हमारे पास पंजाबी भाषा में रचा गया एक विशाल साहित्यिक और बहुमुखी खजाना है, जिसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर डिजिटल रूप से अपलोड करने की आवश्यकता है। इस कार्यशाला के बारे में लांबड़ा, जालंधर से आए बहादुर सिंह संधू ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि भाषा विभाग ने पंजाबी भाषा को नई दिशा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। डॉ. लखबीर सिंह ने कहा कि जिस तरह भाषा विभाग ने किताबों और शब्दकोशों का डिजिटलीकरण कर अनूठी शुरुआत की है, उसी तरह अन्य संस्थानों को भी पंजाबी भाषा में विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे विषयों का पाठ्यक्रम डिजिटल रूप में तैयार करना चाहिए। भाषा विभाग की ओर से डॉ. सीपी कंबोज व उनकी टीम को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।