पर्यटकों से मुलाकात के मौके पर बलजिंदर मान की किताब 'नेचर लैप' का विमोचन किया गया

माहिलपुर - माहिलपुर के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और लेखक ज्ञानी हरकेवल सिंह तोरी द्वारा स्थापित कुटिया में निक्कियन क्रुंभलान प्रकाशन महलपुर द्वारा एक पर्यटक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उनके भक्तों एवं शिष्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया यह कुटिया में माहिलपुर के इतिहास, धर्म, विज्ञान और प्राकृतिक दृश्यों को प्रस्तुत करने वाला एक अभूतपूर्व कार्यक्रम बन गया। उनके बेटे अमनदीप सिंह बैंस और माधरी ए सिंह अर्जन अवार्डी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें उन सभी पर बहुत गर्व है जो हमेशा उनके साथ हैं।

माहिलपुर - माहिलपुर के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और लेखक ज्ञानी हरकेवल सिंह तोरी द्वारा स्थापित कुटिया में निक्कियन क्रुंभलान प्रकाशन महलपुर द्वारा एक पर्यटक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उनके भक्तों एवं शिष्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया यह कुटिया में माहिलपुर के इतिहास, धर्म, विज्ञान और प्राकृतिक दृश्यों को प्रस्तुत करने वाला एक अभूतपूर्व कार्यक्रम बन गया। उनके बेटे अमनदीप सिंह बैंस और माधरी ए सिंह अर्जन अवार्डी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें उन सभी पर बहुत गर्व है जो हमेशा उनके साथ हैं।
 ज्ञानी जी के सबसे लंबे समय तक साथी रहे कलाकार बगा सिंह ने उनकी जीवनी के पन्ने खोलते हुए गर्व से कहा कि आज उनके कारण कई शिष्य और भक्त देश-विदेश में ऊंचे पदों पर बैठे हैं। अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि वे जो कुछ भी हासिल कर पाये हैं, वह ज्ञानी जी की सलाह से ही संभव हो पाया है. इसी तरह, कुलविंदर सिंह मोहाली ने कहा कि वह उस महान व्यक्ति को हमेशा नमन करते हैं जिन्होंने जीवन को जीने लायक बनाया। इस मौके पर जसविंदर सिंह बिंदा, हरबंस सिंह नौरा, प्रितपाल कौर, मुख्तियार सिंह, ज्योति सरूप, मास्टर शिंगारा सिंह, गुरदेव कौर और प्रिंसिपल शिव कुमार ने अपनी यादें ताजा कीं।
 बलजिंदर मान द्वारा लिखित पुस्तक 'कुदरत दी गोद में' का विमोचन करते हुए प्रोफेसर अजीत लांगेरी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके छात्र ने बाल साहित्य की दुनिया में राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किये हैं. यह पुस्तक जहां संपूर्ण भारत का भ्रमण कराती है, वहीं महान लोगों से संवाद भी रचती है। कथावाचक रमेश बिधड़क ने बलजिंदर मान की साहित्यिक रचना पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि वह एक बहुमुखी लेखक हैं जिन्होंने बाल साहित्य के साथ-साथ खेल, शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों को प्रस्तुत करने में पहल की है। सिख एजुकेशनल काउंसिल माहिलपुर के उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बैंस ने कहा कि मान ज्ञानी जी के नक्शेकदम पर चलते हुए साहित्य के माध्यम से समाज को निष्पक्ष बना रहे हैं।
 यह पुस्तक मनोरंजक ढंग से प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद है। सभी को उपहार स्वरूप एक पुस्तक दी गई। ग्राफ़िक डिज़ाइनर मल्टी मीडिया सुखमन सिंह ने कलात्मक ढंग से मंच संचालन कर इस कार्यक्रम को चरम पर पहुँचाया इस मौके पर परमिंदर सिंह, मैनेजर राम तीर्थ परमार, मास्टर सुखविंदर सिंह, परषोतम लाल, संदीप गौतम, सरपंच बलविंदर कौर, बहादुर सिंह, कुलवरन सिंह, बलवीर कौर, लेक्चरर बलदेव सिंह, सुरिंदर कुमार, कुलदीप कौर और रेशम कौर समेत ज्ञानी जी के साथ भक्त, शिष्य एवं प्रेमी जुड़े