
श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी किया गया "भगत" कहने वाला पत्र रद्द किया जाए - बुद्धिजीवी, नवांशहर
नवांशहर - श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में दर्ज भगत साहिबों को भगत कहने के संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी रघवीर सिंह जी द्वारा पत्र जारी किया गया। इस विषय पर चर्चा के लिए श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा साहिब नवांशहर में श्री गुरु रविदास नामलेवा संगतों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
नवांशहर - श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में दर्ज भगत साहिबों को भगत कहने के संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी रघवीर सिंह जी द्वारा पत्र जारी किया गया। इस विषय पर चर्चा के लिए श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा साहिब नवांशहर में श्री गुरु रविदास नामलेवा संगतों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर ज्ञानी सेवा सिंह हेड ग्रंथी गुरुघर, साईं पप्पल शाह जी अध्यक्ष सूफी दरगाह कमेटी पंजाब, सतपाल सहलों अध्यक्ष श्री गुरु रविदास वेलफेयर ट्रस्ट, निक्कू राम जनागल, सतीश कुमार, रोशन छोकरन, रमन कुमार मान, सुखदेव कुमार बेगमपुर टाइगर फोर्स और ज्ञानी गुरदीप सिंह उड़ापर के अपने विचार रखे। आये हुए सभी सम्मानित वक्ताओं ने इस पत्र का खण्डन करते हुए इसे असामाजिक करार दिया तथा इसे अस्वीकार करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास पहले भी हमारे गुरु थे, आज भी गुरु हैं और भविष्य में भी गुरु रहेंगे.
वक्ताओं ने कहा कि सिख धर्म के ठेकेदार हमारे समाज को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से तोड़ने/दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. जिसमें हमारे पूज्य महान सतगुरु रविदास महाराज जी के पद लिपिबद्ध हैं। हमारे देश भारत के संविधान के अनुसार हम सभी को किसी भी बेटी का धर्म परिवर्तन करने और किसी भी गुरु या महापुरुष का अनुसरण करने का संवैधानिक अधिकार है। सतगुरु रविदास महाराज जी नामलेवा रविदासिया समाज में किसी को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। यदि कोई भ्रम में पड़कर ऐसा कृत्य करता है तो सतगुरु रविदास महाराज जी नामलेवा लोग उसे आमने-सामने जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं।
इस अवसर पर परमजीत महलों, महेंद्र सूद विरक, पिरथी चंद एमसी, रमनदीप लाधर, योगराज जोगी, जनक राहों, सोनी प्रधान, बलवीर रत्तू सलोह, एडवोकेट रेशम सिंह, वासदेव प्रदेसी, अरुण बाली, योगेश, अमन सहोता, लाल चंद लाली, मिस्त्री दर्शन राम मेशी, संदीप सहजल, सतपाल बाली, संदीप कलेर, पवन बाली, मनप्रीत, गगनदीप, सरबजीत राहों, सत्या देवी बाली, सुरिंदर कौर, रानो, बिमला देवी आदि रविदासिया समाज के लगभग सौ सदस्यों ने भाग लिया।
