हमें नेत्र या देहदान जैसे नेक कार्य में बढ़-चढ़कर योगदान देना चाहिए - डॉ. बलविन्दर कुमार दमाना

होशियारपुर - सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार दमाना ने जिला आई एसोसिएशन होशियारपुर के साथ बैठक की। इस अवसर पर नेत्रदान संस्था के सदस्यों के प्रोत्साहन से श्रीमती हरविंदर कौर होशियारपुर ने अपनी मृत्यु के बाद अपना शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का संकल्प लेते हुए फॉर्म भरा। वहीं गांव चौटाला के सरबजीत सिंह ने भी फॉर्म भरकर आंखें दान करने का संकल्प लिया।

होशियारपुर - सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार दमाना ने जिला आई एसोसिएशन होशियारपुर के साथ बैठक की। इस अवसर पर नेत्रदान संस्था के सदस्यों के प्रोत्साहन से श्रीमती हरविंदर कौर होशियारपुर ने अपनी मृत्यु के बाद अपना शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का संकल्प लेते हुए फॉर्म भरा। वहीं गांव चौटाला के सरबजीत सिंह ने भी फॉर्म भरकर आंखें दान करने का संकल्प लिया। उनके साथ उनके करीबी रिश्तेदार भी मौजूद थे. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. दमाना व नेत्रदान संस्थाओं ने शरीर व नेत्रदान करने वालों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. दमाना ने मानवता के कल्याण के लिए किये जा रहे इस नेक कार्य के लिए देहदानियों एवं नेत्रदानदाताओं को बधाई दी। कहा कि मानवता के कल्याण के लिए इस नाशवान शरीर को जलाने या दफनाने के बजाय दान कर दिया जाए तो इससे मानवता का कल्याण होगा। नेत्र या देहदान करना एक महान कार्य है। हम सभी को देश की सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति के कारण आज यह संभव हो गया है कि हम किसी को भी अंग दान कर सकते हैं और अपने शरीर के कुछ अंग भी दान कर सकते हैं। इस तरह की एक महान सेवा किसी की जान बचा सकती है। चिकित्सा अनुसंधान और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए मृत्यु के बाद लोगों द्वारा संपूर्ण शरीर दान किया जा रहा है। नेत्र दान उन अंग दानों में से एक है जो किसी अंधे व्यक्ति के जीवन के अंधेरे में रोशनी ला सकता है। हमारी दान की गई आंखें मृत्यु के बाद भी जीवित रह सकती हैं और किसी की अंधेरी दुनिया को रोशन कर सकती हैं। अगर हम आंखों की रोशनी के बिना इस खूबसूरत जिंदगी को जीने के बारे में सोचते हैं तो हमारे सामने अंधेरा छा जाता है और एक अजीब सी घबराहट भी होने लगती है।

इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रोफेसर बहादुर सिंह सुनेत ने कहा कि समाज सेवा के लिए शरीर या अंग दान करना बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है। इसलिए सभी को इस नेक काम का समर्थन करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि देहदान या नेत्रदान के लिए किसी भी जानकारी या फॉर्म के लिए सिविल अस्पताल स्थित नेत्रदान विंग से संपर्क किया जा सकता है।