
रसायन विज्ञान विभाग ने पर्यावरण सुधार पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया
चंडीगढ़: 30 जुलाई, 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के कैमिस्ट्री विभाग ने आज 30 जुलाई, 2024 को ''एडवांस्ड एनालिटिकल इंट्रूमेंटेशन मेथड्स फॉर एनवायर्नमेंटल रेमेडीशन'' विषय पर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया।
चंडीगढ़: 30 जुलाई, 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के कैमिस्ट्री विभाग ने आज 30 जुलाई, 2024 को ''एडवांस्ड एनालिटिकल इंट्रूमेंटेशन मेथड्स फॉर एनवायर्नमेंटल रेमेडीशन'' विषय पर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो. संजय मंडल (आईआईएसईआर, मोहाली), के साथ ही पीईसी के निदेशक, प्रो. राजेश कुमार भाटिया (ऐड इंटेरिम), प्रो. उमेश शर्मा (डीन, एसआरआईसी) और प्रो. हरमिंदर कौर (हेड,कैमिस्ट्री विभाग) ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर संकाय के सभी सदस्य, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक उपकरणों को संभालने/ट्रबल शूटिंग में हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान करना और पर्यावरणीय उपचार अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक स्किल-डेवलपमेंट प्रदान करना है। इस द्विदिवसीय वर्कशॉप में पंजाब विश्वविद्यालय, आईआईएसईआर मोहाली, आईआईटी रोपड़, सीएसआईओ चंडीगढ़ और पीईसी चंडीगढ़ से आये हुए मुख्य वक्ताओं ने इस विषय पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।
समारोह की शुरुआत में प्रो. हरमिंदर कौर ने दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। यह कार्यशाला इलेक्ट्रोकेमिकल वर्कस्टेशन, एचपीएलसी, यूवी-विज़-एफटी-आईआर स्पेक्ट्रोस्कोपी आदि हाई एन्ड वैज्ञानिक उपकरणों पर प्रकाश डालेगी। उन्होंने ऑप्टिकल न्यूरोसेंसर, एक्स-रे डिफ्रैक्शन ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट, जल प्रदूषकों का पता लगाना और संवेदन और अंत में जल निवारण के लिए फोटोकैटलिटिक विधियां आदिसहित इस वर्कशॉप में आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों पर भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने इस उपयोगी और प्रेरणादायक वर्कशॉप के लिए उनके कोलैबोरेटिव प्रयासों के लिए प्रतिनिधियों के साथ-साथ आयोजन टीम के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
निदेशक पीईसी, प्रोफेसर राजेश भाटिया (ऐड इंटेरिम) ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर मंडल और प्रतिभागियों का पीईसी के पोर्टल पर बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों को इंटरैक्टिव रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने ऐसी कार्यशालाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यशाला प्रैक्टिकल प्रशिक्षण/अनुभव प्रदान करेगी, जिसकी इस वक़्त सबसे ज़्यादा ज़रुरत है।
मुख्य अतिथि प्रो. संजय मंडल ने अपने सत्र में एक्स-रे विवर्तन हरित ऊर्जा विकास पर बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने डिफ्रैक्शन की उत्पत्ति और सिंगल क्रिस्टल और पाउडर एक्स-रे डिफ्रैक्शन (एक्सआरडी) के माध्यम से एक्स-रे डिफ्रैक्शन के बेसिक्स, क्रिस्टल चयन और माउंटिंग, पाउडर एक्स-रे डिफ्रेक्टोमीटर, प्रिंसिपल्स ऑफ़ समिट्री का उपयोग करके उनके अनुप्रयोगों पर बहुत ही रोचक तरीके से प्रकाश डाला। प्रोफेसर मंडल आईआईएसईआर मोहाली में केंद्रीय एक्स-रे सुविधा के संस्थापक संयोजक भी हैं। उनके शोध के मूल क्षेत्र मल्टीफंक्शनल नैनोमटेरियल्स, क्रिस्टल इंजीनियरिंग, एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी और ऑर्गेनोमेटेलिक केमिस्ट्री आदि हैं।
आख़िरकार, उद्घाटन सत्र उत्साहपूर्ण ढंग से समाप्त हुआ। इन दो दिनों के दौरान पर्यावरण निवारण के लिए विश्लेषणात्मक उपकरणों के क्षेत्र से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की जाएगी।
