पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच द्वारा लुधियाना जिले में दूसरी काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

लुधियाना - पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच द्वारा एस आत्मा पब्लिक स्कूल, लुधियाना में दूसरी कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 43 स्कूली बच्चों ने भाग लिया. स्कूल अध्यापिका मंजीत कौर धीमान ने बच्चों को इस प्रतियोगिता के लिए बहुत अच्छे से तैयार किया। इस कविता प्रतियोगिता को विशेष रूप से सुंदर बनाने में मैडम गीता, मैडम जसमीत कौर, मैडम मनप्रीत कौर, मैडम पूजा कौशल और मैडम ज़ीनत ने पूरा सहयोग दिया।

लुधियाना - पींगां सोच दियाँ  साहित्य मंच द्वारा एस आत्मा पब्लिक स्कूल, लुधियाना में दूसरी कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 43 स्कूली बच्चों ने भाग लिया. स्कूल अध्यापिका मंजीत कौर धीमान ने बच्चों को इस प्रतियोगिता के लिए बहुत अच्छे से तैयार किया। इस कविता प्रतियोगिता को विशेष रूप से सुंदर बनाने में मैडम गीता, मैडम जसमीत कौर, मैडम मनप्रीत कौर, मैडम पूजा कौशल और मैडम ज़ीनत ने पूरा सहयोग दिया। स्कूल के चेयरमैन श्री गुरप्रीत सिंह सागर और एमडी पूजा सागर ने इस प्रतियोगिता के लिए सुंदर व्यवस्था की। यह सारा कार्यक्रम प्रायोजक यूको बैंक हैबोवाल क्लान ब्रांच लुधियाना द्वारा किया गया। इस बैंक के प्रबंधक, श्री रछपाल सिंह, पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हमेशा आगे रहते हैं और पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच का हमेशा समर्थन करते हैं। इस कविता प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच की संस्थापक एवं अध्यक्ष रशपिंदर कौर गिल जी, वकील तृप्ता बरमौता जी और कुलदीप कौर सचदेवा जी ने निभाई। इस कविता प्रतियोगिता में पांच बच्चों को विजेता घोषित किया गया। नाज़िया (नौवीं) पहली विजेता थी, कार्तिक शर्मा (दसवीं) दूसरा विजेता, हरलीन कौर (बारहवीं) तीसरी विजेता, सुमन (ग्यारहवीं) चौथी विजेता और खुशबू (सातवीं) पांचवीं विजेता थी। इस काव्य प्रतियोगिता का मूल्यांकन पंजाबी भाषा के शुद्ध उच्चारण, कविता की लय और कविता बोलने के तरीके के आधार पर किया गया। पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच का स्कूलों में कविता प्रतियोगिताएं आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पंजाबी भाषा से जोड़ना और उन्हें अपनी पंजाबी विरासत से जोड़ना है। पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच स्कूलों और कॉलेजों में कविता प्रतियोगिताओं के साथ-साथ पंजाबी लोक गीत, सुहाग, घोड़े और शबद गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है। मंच की इस पहल को पंजाब भर के कई स्कूलों से प्रतिक्रिया मिल रही है। इस मंच पहल के माध्यम से स्कूल शिक्षक अपने बच्चों को पंजाबी भाषा और पंजाबी विरासत के महत्व को समझाने के लिए इन प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं। इस प्रतियोगिता में डॉ. हरि सिंह जाचक जी स्कूली बच्चों का उत्साहवर्धन करने के लिए भाग लेने आये। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों ने कविताओं का चयन करते समय बहुत अच्छे सामाजिक और पारिवारिक विषयों को चुना। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों को पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया। मंच की ओर से प्रथम पांच विजेता बच्चों, प्रतियोगिता की तैयारी कराने वाले शिक्षकों व स्कूल प्रबंधन को स्मृति चिह्न दिये गये. निर्णायक की भूमिका निभाने वाले सदस्यों को यादगिरी चिन्ह एवं दीवार घड़ी देकर सम्मानित किया गया। पींगां सोच दियाँ साहित्य मंच द्वारा लुधियाना में आयोजित यह दूसरी सफल प्रतियोगिता थी। मंच की संस्थापक और अध्यक्ष रशपिंदर कौर गिल ने कहा कि इस कविता प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि हमारा मंच पंजाबी भाषा और पंजाबी विरासत को बढ़ावा देने के लिए हमेशा इसी तरह सफल कार्य करता रहेगा।