
पंजाब के संस्कृत कवि प्रो. अलंकार के भारतीकाव्यम् का प्रकाशन
चंडीगढ़ 24 जुलाई, 2024:- संस्कृत विभाग, पीयू के प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार के नये संस्कृत काव्य ग्रन्थ भारती काव्यम्का प्रकाशन विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली द्वारा किया गया है। इस संस्कृत काव्य की हिन्दी टीका और व्याख्या डीएवी कालेज, सैक्टर-10, चण्डीगढ की संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. अलंकार सुषमा ने की है तथा जेएनयू के प्रो.डॉ. सुधीर कुमार आर्य ने सम्पादन किया है।
चंडीगढ़ 24 जुलाई, 2024:- संस्कृत विभाग, पीयू के प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार के नये संस्कृत काव्य ग्रन्थ भारती काव्यम्का प्रकाशन विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली द्वारा किया गया है। इस संस्कृत काव्य की हिन्दी टीका और व्याख्या डीएवी कालेज, सैक्टर-10, चण्डीगढ की संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. अलंकार सुषमा ने की है तथा जेएनयू के प्रो.डॉ. सुधीर कुमार आर्य ने सम्पादन किया है।
इसी वर्ष अप्रैल, 2024 में प्रो. अलंकार के एक अन्य महाकाव्य हंसमानसम् का भी लोकार्पण हुआ था। इस प्रकार प्रो. अलंकार का इसी वर्ष प्रकाशित होने वाला यह दूसरा काव्य है, जबकि इनके कुल छः संस्कृत काव्य प्रकाशित हो चुके हैं। ज्ञात हुआ है कि संस्कृत कवि
अलंकार के हंसमानस महाकाव्य को कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हेतु भी उत्तम कोटि का स्वीकार किया गया है और भारतीकाव्यम् को पाठ्यक्रम में रखने पर भी विचार चल रहा है।
इस काव्य में संस्कृत के सौन्दर्य और इतिहास को काव्यशैली में प्रस्तुत करने का अच्छा प्रयास हुआ है। संस्कृत साहित्य और शास्त्रों में योगदान के लिए प्रो. अलंकार अनेक राजकीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। संस्कृत साहित्य को पंजाब के योगदान में इस ग्रन्थ का अपना महत्त्व है।
