रक्तदान आंदोलन के प्रति जागरूकता बनी श्रद्धा

नवांशहर - जिले में मानव सेवा के क्षेत्र "रक्तदान" को लेकर लगभग 38 वर्षों की जागरूकता का सफर अब इस सेवा के प्रति समर्पण में तब्दील होता जा रहा है। जहां रक्तदाता देवदूत अपने दान के लिए आवश्यक तीन महीने तक इंतजार करते हैं, वहीं वित्तीय दानकर्ता जो उन रक्तदाता स्वर्गदूतों के लिए जलपान की मासिक सेवा राशि का भुगतान करते हैं, वे भी पीछे नहीं हैं।

नवांशहर - जिले में मानव सेवा के क्षेत्र "रक्तदान" को लेकर लगभग 38 वर्षों की जागरूकता का सफर अब इस सेवा के प्रति समर्पण में तब्दील होता जा रहा है। जहां रक्तदाता देवदूत अपने दान के लिए आवश्यक तीन महीने तक इंतजार करते हैं, वहीं वित्तीय दानकर्ता जो उन रक्तदाता स्वर्गदूतों के लिए जलपान की मासिक सेवा राशि का भुगतान करते हैं, वे भी पीछे नहीं हैं।
 ऐसे ही ताजा उदाहरणों में सियाचिन ग्लेशियर में कड़ी ड्यूटी देने वाले श्री प्रिंस कुमार ने बीडीसी ब्लड सेंटर में स्वेच्छा से रक्तदान किया, जिन्हें संस्था द्वारा सम्मानित किया गया. एक अन्य सहयोगी श्री रविंदर सिंह रतंडा ने अपने सम्मानित पिता श्री कमलजीत सिंह लायल (जगत स्टूडियो अपरा) की हार्दिक स्मृति में रक्त दाताओं के लिए एक महीने की जलपान सेवा प्रस्तुत की। डॉ. अजय बग्गा ने कहा कि मानव सेवा का कार्य भी अच्छे भागां नल हुँदा है  चिकित्सीय परिस्थितियों में केवल एक स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदाता बन सकता है। जेएस गिद्दा ने रक्तदाताओं को आर्थिक सहयोग देने वाले लाहिल परिवार के प्रतिनिधि महावीर सिंह को सम्मानित किया तथा संस्था की ओर से रक्तदाता परिवार को धन्यवाद दिया। इस दौरान जेएस गिद्दा, पीआर कलहिया, डॉ. अजय बग्गा, मनमीत सिंह मैनेजर, मलकियत सिंह, राजिंदर ठाकुर, राजीव भारद्वाज, प्रियंका शर्मा, गौरव राणा, दीपक कुमार, अनीता कुमारी, सुनैना शर्मा, मंदाना, सुनैना स्टाफ नर्स और स्टाफ मौजूद रहे।