पीईसी के पूर्व छात्र और संकाय, प्रोफेसर उमेश ने 4 लाख रुपये का उदार छात्रवृत्ति योगदान दिया

चंडीगढ़: 03 जुलाई, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और फैकल्टी मेंबर, प्रोफेसर उमेश शर्मा (1986 बैच, सीईडी) ने अपने बेटे, श्री पुलकित शर्मा (2017 बैच, ईसीई) के साथ मिल कर अपने अल्मा-मेटर PEC को आज 3 जुलाई, 2024 को छात्रवृत्ति के रूप में 4,00,000/- रूपए प्रदान करने के लिए मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किये।

चंडीगढ़: 03 जुलाई, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और फैकल्टी मेंबर, प्रोफेसर उमेश शर्मा (1986 बैच, सीईडी) ने अपने बेटे, श्री पुलकित शर्मा (2017 बैच, ईसीई) के साथ मिल कर अपने अल्मा-मेटर PEC को आज 3 जुलाई, 2024 को छात्रवृत्ति के रूप में 4,00,000/- रूपए प्रदान करने के लिए मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किये। इस शुभ अवसर पर PEC के निदेशक, प्रो. राजेश भाटिया (एड अंतरिम), प्रो. राजेश कांडा (हेड, एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स), डॉ. जिम्मी करलूपीया, (प्रोफेसर-इन-चार्ज, एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स) के साथ  और सुश्री राजिंदर कौर (मैनेजर, एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
पीईसी के निदेशक प्रो. भाटिया ने कहा कि संस्थान के एक संकाय सदस्य द्वारा यह एक ऐतिहासिक योगदान है। प्रोफेसर उमेश ने इसी संस्थान से पढ़ाई की है और अब वह पिछले कई सालों से यहीं पढ़ा रहे हैं।
प्रोफेसर उमेश शर्मा ने यह छात्रवृति अपने  स्वर्गीय माता-पिता,  'श्रीमती कृष्णा देवी शर्मा और श्री. धर्म चंद शर्मा स्कॉलरशिप' की स्मृति में शुरू की है। यह छात्रवृत्ति 4 साल के कोर्स के लिए वित्तीय कठिनाई से जूझ रहे, अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली छात्र को प्रदान की जाएगी। इस वर्ष के लिए यह छात्रवृत्ति चक्र 2024-2028 के बैच के साथ शुरू होगा और आगे के वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा।
पात्र उम्मीदवारों के लिए चयन प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता-आधारित तरीके से आयोजित की जाएगी। चयनित उम्मीदवार को रु. 1,00,000/- वार्षिक (कुल 4 वर्षों में 4,00,000/- रु.) प्रदान किये जायेंगे। छात्रवृत्ति में ट्यूशन फीस शामिल होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राप्तकर्ता वित्तीय बाधाओं के बिना अपनी शिक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।