वीरपाल कौर फिर से रंगीन दुनिया के रंग देख सकेंगी

नवांशहर - कुदरत की मेहरबानी से ही आसमान बनता है और अगर उसकी मेहरबानी की नजर हो तो कुछ ही दिनों में रंग बदलने में देर नहीं लगती। गांव चेता की वीरपाल कौर पर आज कुदरत फिर मेहरबान हुई और उसे दुनिया के रंग फिर से देखने की आंख दे दी। आज वह फिर से दुनिया की हर चीज़ अपनी आँखों से देख सकती है।

नवांशहर - कुदरत की मेहरबानी से ही आसमान बनता है और अगर उसकी मेहरबानी की नजर हो तो कुछ ही दिनों में रंग बदलने में देर नहीं लगती। गांव चेता की वीरपाल कौर पर आज कुदरत फिर मेहरबान हुई और उसे दुनिया के रंग फिर से देखने की आंख दे दी। आज वह फिर से दुनिया की हर चीज़ अपनी आँखों से देख सकती है।
उनकी दोनों आंखों में सफेद मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज गुरु नानक मिशन अस्पताल, ढाहां कलेरां में किया गया। नेत्र विभाग में तैनात डॉ. तुषार अग्रवाल ऑप्टोमेट्रिस्ट दलजीत कौर के मार्गदर्शन में ऑपरेशन सफल रहा. उन्होंने बताया कि अर्धचिकित्सक से इलाज के दौरान इस महिला की दोनों आंखों की रोशनी चली गयी थी. बाद में वह उक्त अस्पताल पहुंची. जहां उनकी दोनों आंखों का संतोषजनक इलाज किया गया जिससे उन्हें दुनिया देखने में मदद मिली।
गुरु नानक मिशन मेडिकल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट ढाहां कलेरां के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ढाहां ने कहा कि इस अस्पताल में सफेद मोतियाबिंद का इलाज मुफ्त में किया जाता है। ऑपरेशन के अलावा दवा भी मुफ्त दी जाती है और भर्ती मरीज के साथी को खाना भी दिया जाता है। इस मौके पर वीरपाल कौर के पति और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं.