
अत्यधिक गर्मी एवं लूह से बचने के लिए जिलावासी बरतें सावधानी-उपायुक्त
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से बहुत गर्मी पड़ रही है और गर्म हवाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि गर्म हवाएं हमारी प्यास बढ़ाने के साथ-साथ हमारे शरीर खासकर आंखों और त्वचा को पूरी तरह से झुलसा देती हैं।
होशियारपुर - डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से बहुत गर्मी पड़ रही है और गर्म हवाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि गर्म हवाएं हमारी प्यास बढ़ाने के साथ-साथ हमारे शरीर खासकर आंखों और त्वचा को पूरी तरह से झुलसा देती हैं।
जब अधिक गर्मी होती है तो हमारा शरीर पसीने के रूप में गर्मी छोड़ता है और तापमान को नियंत्रण में रखता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सीमा के बाद हमारे शरीर की यह प्रणाली काम करना बंद कर देती है और शरीर बाहरी तापमान की तरह गर्म हो जाता है, जिसे हाइपोथर्मिया या हीट स्ट्रोक कहा जाता है. आमतौर पर लोग इसे हल्के में लेते हैं और मानते हैं कि उन्हें फ्लू नहीं हो सकता। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक हीट स्ट्रोक एक बेहद खतरनाक बीमारी है। बच्चों और बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, मोटे लोगों, हृदय रोगियों, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों और शरीर के रसायन या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली कुछ दवाएं लेने वाले लोगों में हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा सड़कों और रेलवे स्टेशनों पर रहने वाले मजदूर वर्ग, दिहाड़ी मजदूर और बेघर लोग इसके जल्दी शिकार होते हैं। इसी तरह, बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।
उन्होंने कहा कि लूह के कारण शरीर में बेचैनी और घबराहट महसूस हो सकती है और धूप में ज्यादा देर तक रहने से आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, चक्कर आना और गिर जाना, बोलने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, जीभ का लड़खड़ाना, हकलाना जैसी समस्या हो सकती है. चलते समय दौरा आदि पड़ सकता है।
इसलिए दस्त के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को छाया में लिटाना चाहिए, उसके कपड़े ढीले कर देने चाहिए, तरल पदार्थ पीने को देना चाहिए आदि।
शरीर के तापमान को कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां लगानी चाहिए तथा तुरंत डॉक्टर से जांच कराकर डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार करना चाहिए तथा स्व-दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें सावधानियां बरतने की जरूरत है जैसे कि जब भी घर से बाहर निकलें तो खूब पानी पिएं, सूती, हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें और सिर को ढककर रखें, पानी, नींबू पानी, लस्सी, ओआरएस घोल जैसे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए जहां तक संभव हो दोपहर के समय अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक मिर्च-मसालेदार भोजन और बाजार के भोजन से बचना चाहिए। कूलर या एसी कमरे में बैठने के तुरंत बाद धूप में न निकलें।
