मत्स्य पालन विभाग ने गर्मी से बचाव के लिए कई निर्देश जारी किये हैं

पटियाला, 9 मई - मछली पालन विभाग के सहायक डायरेक्टर करमजीत सिंह ने मछली पालकों को लू से मछलियों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि मछली पालकों को मछली तालाब में न्यूनतम 5-6 फीट जल स्तर बनाए रखना चाहिए और मछली पालन के लिए पीएच 7.5 - 8.5, पानी का रंग - हल्का हरा, पानी में घुलनशील ऑक्सीजन - 5 से 10 पीपीएम, कुल क्षारीयता - सहित आवश्यक मानक बनाए रखने चाहिए। 100-250 पीपीएम, कुल कठोरता - 200 पीपीएम से कम और अमोनिया - 0.1 पीपीएम से कम।

पटियाला, 9 मई - मछली पालन विभाग के सहायक डायरेक्टर करमजीत सिंह ने मछली पालकों को लू से मछलियों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि मछली पालकों को मछली तालाब में न्यूनतम 5-6 फीट जल स्तर बनाए रखना चाहिए और मछली पालन के लिए पीएच 7.5 - 8.5, पानी का रंग - हल्का हरा, पानी में घुलनशील ऑक्सीजन - 5 से 10 पीपीएम, कुल क्षारीयता - सहित आवश्यक मानक बनाए रखने चाहिए। 100-250 पीपीएम, कुल कठोरता - 200 पीपीएम से कम और अमोनिया - 0.1 पीपीएम से कम।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक खाद एवं चारे का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा चिकन लिटर डालने से बचना चाहिए। तालाबों में अवांछित कीटों को मारने के लिए डीजल, केरोसीन, साइपरमेथ्रिन या साबुन, तेल इमल्शन का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कल्चर टैंक में आवश्यकता से अधिक मछली का भंडारण नहीं किया जाना चाहिए तथा मछली विपणन में उपयोग किये जाने वाले जाल को 5 से 10 पीपीएम लाल दवा के घोल में आधे घंटे तक डुबाकर रखें। ताकि मच्छर जनित बीमारियों से बचा जा सके। तालाब के पानी की गुणवत्ता के लिए विभागीय प्रयोगशालाओं से परीक्षण कराया जाये तथा आपातकालीन स्थिति में मत्स्य विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित किया जाय।